Reactions On Women Reservation Bill : संसद के विशेष सत्र में बुधवार को महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) बुधवार को लंबी चर्चा के बाद दो-तिहाई बहुमत से लोकसभा में पास हो गया है। इस बिल के समर्थन में 454 वोट पड़े और विरोध में केवल 2 वोट पड़े। इस बिल के पास होने पर पीएम मोदी समेत इन नेताओं ने देशवासियों को बधाई दी है। इसके साथ ही इस पल को ऐतिहासिक क्षण भी बताया है।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, नारी शक्ति वंदन अधिनियम के साथ नए सदन की शानदार शुरुआत हुई है। इससे महिलाओं के नेतृत्व में विकास को अभूतपूर्व गति मिलने वाली है। इसे जिस प्रकार से सभी राजनीतिक दलों का ऐतिहासिक समर्थन मिला है, वह विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में मील का पत्थर साबित होगा। मैं सभी सांसदों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा - ऐतिहासिक छलांग
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया, "लोकसभा ने आज नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित कर दिया है। ये हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक छलांग है। पीएम मोदी की ओर से परिकल्पित विधेयक न केवल महिला सशक्तिकरण के इतिहास में एक नया अध्याय लिखेगा बल्कि न्यायसंगत और लिंग-समावेशी विकास को भी बढ़ावा देगा। ये एक बार फिर महिलाओं के नेतृत्व वाले शासन के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराता है"।
हरियाणा के मुख्यमंत्री सीएम मनोहर लाल ने भी दी बधाई
भाजपा ने जो कहा, वो किया !
लोकसभा व राज्य विधानसभाओं में माताओं-बहनों को 33% सीटें देने वाले 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' को भारी बहुमत से पारित करा कर प्रधानमंत्री श्री
नरेंद्र मोदी जी ने महिला सशक्तिकरण की एक और ठोस पहल की है।
उच्च स्तर पर प्रतिनिधित्व बढ़ने से आत्मनिर्भर भारत के उत्थान हेतु नीति निर्माण में माताओं-बहनों की भूमिका बढ़ेगी। आप सभी को बधाई।
सीएम योगी ने दी बधाई
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के यशस्वी नेतृत्व में आज लोकसभा में 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के पारित होने की सभी को बधाई! भारतीय लोकतंत्र को और अधिक मजबूती प्रदान करते इस बिल से 'नए भारत' में Women Led Development के नवयुग का सूत्रपात होने जा रहा है।
बता दें कि इस बिल के विरोध में एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने विरोध किया है। इसके दो सांसद हैं।वहीं भाजपा, कांग्रेस समेत अधिकांश दलों ने विधेयक का समर्थन किया।
आज महिला आरक्षण बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। वहां यह पास होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास साइन होने के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा। इस बिल के अनुसार , लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% रिजर्वेशन होगा। लोकसभा की 543 सीटों में से 181 महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित होंगी।