World Latest News: दक्षिण कोरिया में इस समय जन्म दर में लगातार गिरावट आ रही है। यह देश प्रजनन संबंधी गंभीर दिक्कतों का सामना कर रहा है। सरकार के लाख प्रयासों के बाद भी महिलाएं शादी को राजी नहीं हैं। वे फैमिली के बजाय करियर बनाने को प्राथमिकता दे रही हैं। अगर यही हाल रहा तो ये देश दुनिया से गायब हो सकता है। साउथ कोरिया पहला देश होगा, जिसका पृथ्वी से अस्तित्व मिट जाएगा!
किसी समय यह देश अपने आधुनिकीकरण और तेजी से हो रहे आर्थिक विकास को लेकर उदाहरण बन चुका था। लेकिन आज के समय में गंभीर लैंगिक असमानता और सामाजिक-आर्थिक दबाव से जूझ रहा है। इस देश में फिलहाल जन्म दर में इतनी गिरावट आ गई है कि सदी के अंत तक इसकी आबादी मौजूदा आकार से एक तिहाई तक सिमट जाएगी। इसके पीछे और भी कारण है
1960 के बाद से घट रही जन्म दर
ET की रिपोर्ट के मुताबिक परिवार नियोजन नीति की शुरुआत के कारण प्रजनन दर में चिंताजनक गिरावट शुरू हुई थी। सरकार ने जनसंख्या वृद्धि को पहले गंभीर तौर पर लिया। आर्थिक विकास के बजाय जन्म दर कम करने के उपाय किए गए। 1960 के दशक में उस समय प्रति व्यक्ति आय वैश्विक औसत का सिर्फ 20 फीसदी थी। आंकड़ों के अनुसार एक महिला तब 6 बच्चों को जन्म देती थी। 1982 तक अर्थव्यवस्था में तेजी आई, लेकिन जन्म दर में 2.4 फीसदी गिरावट दर्ज की गई।
1983 में प्रजनन दर सिर्फ 2.1 फीसदी रह गई। इसके बाद यह तेजी से गिर रही है। अनुमान के मुताबिक दक्षिण कोरिया की आबादी फिलहाल 52 मिलियन (5.2 करोड़) है। जो सदी के अंत तक सिर्फ 17 मिलियन (1.7 करोड़) रह जाएगी। हाल ऐसा ही रहा तो यह देश 70 फीसदी आबादी खो सकता है। ऐसी स्थिति में देश की अर्थव्यवस्था अस्थिर हो सकती है। जो सामाजिक चुनौतियां पैदा कर सकती हैं।
सरकार जन्म दर बढ़ाने के लिए कई उपाय कर रही है। बच्चों की संभाल के लिए विदेशी कामगारों की भर्ती, टैक्स में छूट आदि लाभ दे रही है। अगर कोई पुरुष 30 साल की उम्र तक 3 बच्चे पैदा करता है तो उसे अनिवार्य तौर पर सेना में भर्ती होने से छूट है। लेकिन इसके बाद भी जन्म दर नहीं बढ़ रही।