पंजाब (Punjab) के लुधियाना जिला अदालत (Ludiana Court) परिसर में हुए विस्फोट (Blast) की जांच में जुटी एनएसजी (NSG) बम दस्ते और फोरेंसिक एक्सपर्ट्स को प्रारंभिक विश्लेषण से पता चला है कि धमाके में उच्च विस्फोटक वाला बम था। और संभवत: इसे उस व्यक्ति द्वारा इकट्ठा किया जा रहा था जिसकी मृत्यु उस समय हुई थी जब बम गलती से शौचालय के अंदर चला गया था।
मीडियी रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक को जिस हिसाब से चोट लगी है, वह बताता है कि विस्फोटक को उस वक्त गढ़ा जा रहा था। उसके शरीर में एल्यूमीनियम और प्लास्टिक के छर्रे पाए गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विस्फोट में ज्यादा से ज्यादा लोगों को घायल करने की मंशा थी।
जांचकर्ताओं को संदेह है कि बम को शौचालय में इकट्ठा किया जा रहा था और संभवत: इसे किसी अन्य स्थान पर अधिक संख्या में लगाने का इरादा था। हालांकि विस्फोट के प्रभाव के कारण शौचालय में पानी का पाइप फटने पर निशान बह गए थे। सूत्रों ने कहा कि फोरेंसिक नमूने आईईडी की सटीक संरचना की पुष्टि करेंगे। एक अधिकारी ने आरडीएक्स की मौजूदगी से इनकार नहीं करते हुए कहा, "यह एक उच्च विस्फोटक प्रतीत होता है।"
मृतक, पीड़ित और संदिग्ध हमलावर के अलावा कुछ अन्य लोग परिसर के अंदर लगे सीसीटीवी में कैद हो गए हैं। विस्फोट में उनकी संभावित भूमिका का पता लगाया जा रहा है। जांचकर्ताओं ने विस्फोट स्थल से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया है, जिसमें संयोग से उसका सिम कार्ड और डेटा कार्ड बरकरार है।
आपको बता दें कि लुधियाना की जिला अदालत परिसर में गुरुवार को हुए धमाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि छह अन्य लोग घायल हो गए थे। इसके बाद पंजाब सरकार ने राज्य भर में हाई अलर्ट (High Alert) जारी कर दिया। अदालत परिसर के दूसरे तल पर हुए विस्फोट में परिसर की एक दीवार क्षतिग्रस्त हो गई और वहां पार्किंग में खड़े कुछ वाहनों के कांच टूट गए थे।