भारतीय शराब कारोबारी विजय माल्या को बृहस्पतिवार को प्रत्यर्पण मामले में बड़ा झटका है। ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की अनुमति मांगने वाला माल्या का आवेदन अस्वीकृत हो गया। अब प्रत्यर्पण की प्रक्रिया 28 दिन के अंदर पूरी करनी होगी। आपको बता दें कि इससे पहले बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के कर्ज से संबंधित धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में भारत प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ माल्या की अपील हाई कोर्ट में पिछले महीने ही खारिज हो गई थी।
वही, बृहस्पतिवार को प्रनाउन्समेंट में कहा गया है कि भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के तहत ब्रिटेन का गृह कार्यालय अब माल्या को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के अदालत के आदेश को 28 दिन के भीतर औपचारिक रूप से प्रमाणित कर सकता है।
दरअसल, लंदन की रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस में लॉर्ड जस्टिस स्टीफन इरविन और जस्टिस एलिजाबेथ लाइंग की दो सदस्यीय पीठ ने फैसले में कहा, ''अदालत ने सुप्रीम कोर्ट में अपील के मद्देनजर आम सार्वजनिक महत्व के विधि के प्रश्न को प्रमाणित नहीं करने के अपने इरादे को प्रकट कर दिया है।" अदालत ने ब्रिटेन के प्रत्यर्पण कानून 2003 की धारा 36 और धारा 118 के तहत 28 दिन की 'जरूरी अवधि तय की है जिसके भीतर प्रत्यर्पण प्रक्रिया होनी चाहिए।