एक नई रिपोर्ट को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है, जिसमें दावा किया गया है कि अमेरिका द्वारा "मतदाता मतदान के लिए" कथित तौर पर 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग बांग्लादेश के लिए थी, न कि भारत के लिए। भारत को यूएसएआईडी अनुदान, जिसे नए अमेरिकी प्रशासन ने रद्द कर दिया है, ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, जब से डोनाल्ड ट्रम्प ने संकेत दिया है कि इस फंड का इस्तेमाल 2024 के लोकसभा चुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए किया जा सकता है।
ट्रंप के इस दावे के बाद से कांग्रेस के खिलाफ जंग छेड़ने वाली भाजपा ने इस रिपोर्ट को फर्जी बताया है। कांग्रेस ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि वह विपक्षी पार्टी पर चुनाव प्रक्रिया में कथित बाहरी प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप लगाकर जल्दबाजी में काम कर रही है।
इस विवाद के केंद्र में इंडियन एक्सप्रेस की एक जांच रिपोर्ट है, जिसमें दावा किया गया है कि 2008 के बाद से भारत में किसी भी चुनाव संबंधी परियोजना के लिए यूएसएआईडी अनुदान आवंटित नहीं किया गया है। इसमें कहा गया है कि मतदाता भागीदारी के लिए 21 मिलियन डॉलर का एकमात्र यूएसएआईडी अनुदान 2022 में बांग्लादेश में "अमर वोट अमर" (मेरा वोट मेरा है) नामक एक परियोजना के लिए स्वीकृत किया गया था।