International Trade Fair : दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 नवंबर से शुरू ट्रेड फेयर में हरियाणा पवेलियन की झलक देखते ही बनती है। पवेलियन में प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की छटा दिखाई गई है। इसमें वैदिक युग व प्राचीन संस्कृति को दर्शाया गया है। वहीं दूसरी तरफ पिछले नौ सालों के दौरान हरियाणा में आई डिजिटल और औद्योगिक क्रांति को भी पवेलियन में जगह दी गई है।
पवेलियन का प्रवेश द्वार विकसित गुरुग्राम को बनाया गया है। इसकी दीवार पर एक ओर धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र, दूसरी तरफ श्रीकृष्ण की मुरली और सुदर्शन चक्र है। यहां आने वाले लोगों को यह इतना पंसद आ रहा है कि यह सेल्फी पॉइंट बन गया है। सूरजकुंड मेले को भी यहां फोटो गैलरी में समेटा हुआ है।
हरियाणा पवेलियन के चारों तरफ लालटेन लटकाई गई हैं। इसके मुख्य प्रवेश द्वार से भीतर जाने पर सामने बरगद के पेड़ के नीचे चबूतरे पर बैठे ताऊ मिलते हैं। सामने खाट रखी है। इस बार हरियाणा पवेलियन में कुल 51 स्टॉल लगाए गए हैं। पवेलियन के पिछले भाग के डिजाइन में आधुनिकता दिखाई देती है, जो अर्थव्यवस्था और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में नवीनतम उपलब्धियों को प्रदर्शित करती है।
वहीं पवेलियन के बीचों- बीच मंडप के एक हिस्से में गाँव की चौपाल में पेड़ के नीचे समूह में बैठकर पंच परमेश्वर अपने गाँव के विकास को लेकर अहम फ़ैसले लेते दिखाई देते हैं जिससे ग्रामीण झलक का दृश्य भी देखने को मिलता है। इसके साथ ही खेलों में हरियाणा के प्रदर्शन को भी दिखाया गया है।
हरियाणा समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत रखता है, आधुनिक समय में यह ऑटोमोबाइल क्षेत्र के रूप में उत्तर भारत का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बन गया है। इतना ही नहीं, बदलते समय के साथ तालमेल बिठाते हुए इसने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र को भी अपना लिया है, जिससे बेंगलुरु के बाद गुरुग्राम देश की दूसरी ‘सिलिकॉन वैली’ बन गई है।
इस बार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले की थीम ‘‘वसुधैव कुटुंबकम- व्यापार से एकजुटता’’रखी गई है। यह मेला 14 नवंबर से शुरू 27 नवंबर तक चलेगा। आमजनों के लिए मेले के द्वार 18 नंवबर से खुलने जा रहे है। यह दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित किया गया है।