CM Sukhu On Himachal Pradesh Financial Crisis: हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है और सरकार पर फिजूल खर्ची के आरोप लगा रहा है। इस बीच अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में किसी भी तरह के आर्थिक संकट होने की बात को नकार दिया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में किसी प्रकार का आर्थिक संकट नहीं है। प्रदेश सरकार ने पहले ही दिन से राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में कार्य किया है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
सीएम ने कहा कि जब सुधार के कदम उठाए जाते हैं, तो कुछ दिक्कतें आती हैं। वहीं, मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 75 वर्ष से अधिक आयु के 28 हजार पेंशनभोगियों के बकाया का भुगतान कर रही है और सरकारी कर्मचारियों को सात प्रतिशत की दर से मंहगाई भत्ता दिया गया है। कर्मचारियों की सैलरी भी आ जाएगी और पेंशनरों को भी पेंशन मिलनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में फायनांशियल मैस की बात गलत है। वह पहले दिन से हिमाचल को 2027 तक आत्मनिर्भर बनाने और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने के उद्देश्य से कदम उठा रहे हैं। अर्थव्यवस्था सुधार की प्रक्रिया को प्रदेश सरकार तेजी दे रही है। इसके सार्थक रिजल्ट भी आ रहे हैं। वेतन-भत्तों को विलंबित करना अर्थव्यवस्था सुधार की प्रक्रिया का हिस्सा है। सभी को अनुशासित होने की जरूरत है। सांकेतिक रूप से वेतन-भत्ते विलंबित किए गए हैं, ताकि समाज का हर वर्ग इस दिशा में सोचे।
सीएम ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ही राज्य पर 85 हजार करोड़ की देनदारियां छोड़ कर गई है। हमारी सरकार ने कर्मचारियों को सात प्रतिशत महंगाई भत्ता भी दिया है। हमें आए अभी 19 महीने ही हुए हैं। यह सब सिर्फ 19 महीने में नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बने हुए तो सिर्फ 19 महीने का वक्त हुआ है। पूर्व में बीजेपी सरकार के वक्त शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई गई थी।
सीएम सुक्खू ने कहा कि पूरे मामले में भारतीय जनता पार्टी सिर्फ और सिर्फ राजनीति करने का काम कर रही है। कभी बीजेपी की ओर से ड्रोन से जासूसी की झूठी बातें कही जाती हैं, तो कभी शराब नीति में घोटाले की झूठ बातें फैलाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष को मुद्दा उठाने के लिए पढ़-लिखकर आने की जरूरत है। सीएम ने कहा कि वे 40 साल पुरानी चली आ रही व्यवस्था में बदलाव कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने 14 प्रकार की मुफ्त सब्सिडी दे दी। सब्सिडी उनको भी मिल रही थी, जिन्हें इसकी कोई जरूरत ही नहीं थी। हजारों लोग फोन कर कह रहे थे कि उन्हें बिजली और पानी की सब्सिडी नहीं चाहिए. वह सिर्फ गुणवत्ता चाहते हैं। आम लोगों के इस तरह के हजारों फोन आते हैं।