श्रीलंका (Sri Lanka) के शीर्ष राजनेता रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने गुरुवार को देश के आठवें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। बुधवार को उन्हें संसद ने नया राष्ट्रपति चुना था। विक्रमसिंघे इससे पहले लंबे समय तक देश के प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं।
श्रीलंका के प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या ने 73 वर्षीय विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। विक्रमसिंघे के सामने सबसे बड़ी चुनौती और अग्नि परीक्षा देश को आर्थिक संकट से निकाल कर फिर से पटरी पर लाना है।
गोतबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के देश छोड़कर भागने और फिर इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया था। देश के संविधान के मुताबिक, संसद द्वारा चुने जाने वाले वे पहले श्रीलंकाई राष्ट्रपति हैं। उनसे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति प्रेमदासा के निधन के बाद स्वर्गीय डी बी विजेतुंगा मई 1993 में निर्विरोध निर्वाचित हुए थे।
225 सदस्यीय श्रीलंका की संसद ने कल विक्रमसिंघे को नया राष्ट्रपति चुना था। उन्हें इस चुनाव में 134 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी और असंतुष्ट सत्तारूढ़ दल के नेता दुल्लास अल्हाप्परुमा (Dullas Alhapparuma) को 82 वोट मिले थे। त्रिकोणीय मुकाबले में वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना के नेता अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Disanayake) को सिर्फ तीन वोट मिले थे।