पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू ने अब अपनी ही सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। सिद्धू ने सीएम चरणजीत सिहं चन्नी से नए AD-DG की नियुक्तियों को बदलने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं किया, तो हम अपना चेहरा दिखाने लायक नहीं रहेगें।
उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया कि हमारी सरकार धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी के मामलों में, न्याय और ड्रग्स के मामलों में मुख्य आरोपियों को सजा दिलाने के लिए आई थी। लेकिन विफल होने के कारण जनता ने कैप्टन को सीएम पद से हटा दिया। उसी तरह अब नए AD-DG की नियुक्ति पीड़ितों के जख्मों पर नमक मलने जैसा काम कर रही हैं। इन्हें बदलना चाहिए, नहीं तो हम किसी को चेहरा दिखाने के लायक नहीं रहेंगे।
क्या है धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी मामला?
दरअसल, 2015 में पंजाब में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का मामला सामने आया था, जिसके खिलाफ में पंजाब में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान अक्टूबर 2015 को पंजाब के कोटकपूरा चौक और कोटकपूरा बठिंडा पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर पंजाब पुलिस ने गोलियां बरसा दी थीं। इस पूरे हंगामे में करीब दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
यही वो मुद्दा था जिसपर कांग्रेस ने अकाली दल और भाजपा गठबंधन की सरकार को जमकर घेरा था। इसका फायदा कांग्रेस को 2017 के चुनावों में मिला, और अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब में सरकार बनी।
किस मुद्दे पर सिद्धू और चन्नी में विवाद
सिद्धू चन्नी सराकरा में की गई नियुक्तियों की वजह से नाराज हैं। जब से एडवोकेट जनरल और डीजीपी की नियुक्ति हुई है तब से सिद्धू उनको हटाने पर अड़े हैं। इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री चन्नी के साथ बैठक भी की थी। लेकिन चन्नी ने सिद्धी की बात मानने से मना कर दिया।
हालांकि, पंजाब सरकार ने सिद्धू को संतुष्ट करने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामलों और उसके बाद प्रदर्शनकारियों पर हुई फायरिंग के मामलों की पैरवी करने के लिए स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर भी बनाया है।