Sawan 2023: सावन में ये पहली बार है कि 4 सोमवार की बजाए कुल 8 सोमवार आए हैं। ऐसा संयोग लगभग 59 साल बाद देखने को मिला है। इस साल आज 10 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है और 28 अगस्त को इसका आखिरी सोमवार होगा। हिंदू धर्म में सावन महीने को केवल पूजा -पाठ और व्रत के लिए ही नहीं बल्कि महिलाओं के श्रृगांर के लिए भी जाना जाता है। इस महीने हरे रंग का खास महत्त्व होता है। चलिए आज के आर्टिकल में जानते है महिलाओं के श्रृगांर के बारे में...
सावन में हरे रंग का महत्व
सावन का महीना बारिश और मानसून की फुहार लेकर आता है जिससे तेज गर्मी से सभी को राहत मिलती है। वहीं बारिश के कारण चारों तरफ हरियाली भी दिखने लगती है और हरे रंग को प्रकृति का रंग भी माना गया है। इसके अलावा महिलाओं के लिए इस महीने खास पर्व हरियाली तीज भी होता है। इसी कारण सावन महीना और हरे रंग का खास संबंध होता है।
प्रकृति और शिव का संबंध
कहा जाता है कि महादेव को प्रकृति बहुत ही प्रिय है उनका प्रकृति से गहरा संबंध है। भोलेनाथ का वास भी प्रकृति की गोद हिमालय में है। वहीं उनकी पूजा में धतूरा, बेलपत्र, भांग जैसी चीजें अर्पित की जाती है, जोकि हरे रंग की होती है। इसलिए हरे रंग का सावन महीने में विशेष महत्व है।
सुहागिन महिलाएं सावन महीने में हरे रंग की साड़ी और हरी चूड़ियां पहन शिव- पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से उनका सुहाग सलामत रहता है और उनकी जोड़ी शिव पार्वती सी पवित्र बनी रहती है। जो औरतें हरे रंग की साड़ी और चूड़ी पहनती हैं, उनपर महादेव का आशीर्वाद बना रहता है। वहीं सुहागिन के जीवन में खुशियां बनी रहती है। इसलिए महिलाएं 16 श्रृगांर करती है और हरे रंग की चूड़ियां पहनती हैं।
Disclaimer: यहां पर उपल्बध सभी प्रकार की जानकारियां धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। किसी विशेषज्ञ की सलाह जरुर लें।