रोहतक जिले (Rohtak) में गुरुवार देर रात सात गांवों में आग लगने से गेहूं की सैकड़ों एकड़ फसल जलकर खाक हो गई। परेशान ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार (Haryana Govt) और प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। फायर ब्रिगेड के अनुसार, गुरुवार शाम को तेज हवा चल रही थी। इसी के साथ अलग-अलग गांवों से आग लगने की कई सूचनाएं आने लगीं। दमकल विभाग के पास इस स्थिति में सिर्फ पांच बड़ी गाड़ियां हैं। ऐसे में विभाग में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालात ऐसे थे कि एक जगह पर आग बुझ नहीं पाई कि दूसरी जगह से आग लगने की सूचना आ गई। सबसे ज्यादा नुकसान धामड़ गांव में हुआ है, जहां 320 एकड़ के करीब गेहूं की फसल बुरी तरह से जल गई। इसके अलावा बहुजमालपुर, सीसरखास, निंदाना, खरावड़ और मकड़ौली में भी आग लगने की घटना सामने आई हैं।
किसी भी खेत के ऊपर से नहीं गुजर रही बिजली की तार
धामड़ गांव के ग्रामीण इस बात से काफी परेशान है कि आखिर सैकड़ों एकड़ फसल में अचानक आग कैसे लगी। क्योंकि जिस एरिया में आग लगी है, वहां से बिजली का एक भी तार भी नहीं गुजर रहा है। ऐसे में आशंका है कि तेज हवा में चिंगारी उड़कर खेतों तक पहुंची होगी और आग लग गई।
फायर ब्रिगेड के पास नहीं है पर्याप्त गाड़ियां
जिला फायर ब्रिगेड के पास सिर्फ पांच गाड़ियां हैं, जिनमें से एक महम और एक सांपला में खड़ी रहती है। ऐसे में आग बुझाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। गुरुवार को एक ही समय पर अलग-अलग सात गांवों में आग लगी तो विभाग को मुश्किलें और भी बढ़ गई। ऐसे में ग्रामीणों ने कहा कि सरकार और प्रशासन को दमकल विभाग के लिए अतिरिक्त गाड़ियों की व्यवस्था करनी चाहिए।
इस पर उप जिला अग्निशमन अधिकारी संजीव डागर ने बताया कि गुरुवार को अलग-अलग जगह से आग लगने की सूचना आती रही। सबसे ज्यादा नुकसान धामड़ गांव में हुआ है। आग लगने का कारण समझ में नहीं आ रहा, क्योंकि खेतों के ऊपर से बिजली के तार भी नहीं गुजर रहे हैं। साथ ही विभाग के पास गाड़ियों की भी कमी है।