हरियाणा में रोडवेज कर्मी अपनी मांगों और किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसों को हायर करने की पॉलिसी को रद्द करने को लेकर शुक्रवार से फिर अपना आंदोलन शुरू करेंगे। यह आंदोलन दो चरणों में चलेगा। जिसमें राज्यपाल को भी ज्ञापन दिया जाएगा। उधर, किलोमीटर स्कीम गड़बड़झाले में हरियाणा सरकार ने पहले ही विजिलेंस जांच के आदेश दिए हुए हैं।
शुक्रवार से प्रदेश के सभी रोडवेज डिपो पर धरने प्रदर्शन किए जाएंगे। हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता इंद्र सिंह बधाना, सरबत सिंह पूनिया, वीरेंद्र सिंह धनखड़, पहल सिंह तंवर, दलबीर किरमारा, आजाद गिल, अनूप सहरावत व दिनेश हुड्डा ने कहा कि सरकार की नीयत व नीति सही है तो किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें ठेके पर लेने का इरादा छोड़कर विभाग में बढ़ती आबादी अनुसार 14 हजार सरकारी बसें शामिल करें ताकि आम जनता व छात्र-छात्राओं को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा मिलने के साथ 84 हजार बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिल सकें।
उधर, इंटक के प्रवक्ता प्रदीप बूरा ने कहा कि सरकार को अपनी जिद छोड़कर जनहित में फैसला लेना चाहिए। उनके अनुसार इंटर भी इस संघर्ष में मिलकर विरोध करेगा। कर्मचारियों की मांग है कि किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें ठेके पर लेने का निर्णय रद्द करना व जांच सीबीआई व हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाई जाए। विभाग में सरकारी बसें बढ़ाई जाए और ठेका प्रथा बंद हो। पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, ओवरटाइम बंद करने के नाम पर कर्मचारियों का शोषण बंद हो। पिछली हड़तालों के दौरान किए गए निलंबन, मुकदमे, तबादले, एस्मा व अन्य उत्पीड़न की कार्यवाही वापस ली जाए। ठेके पर भर्ती कर्मचारियों को पक्का करने, खाली पदों पर पक्की भर्ती करने, सभी श्रेणियों के खाली पड़े प्रॅमोशनल पदों पर पदोन्नति करने, वेतन विसंगतियां दूर करके सभी भत्तों में बढ़ोत्तरी की जाए।