कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव त्यागी का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 52 साल के थे। सूत्रों ने बताया कि वैशाली में अपने आवास पर एक टीवी डिबेट में भाग लेने के कुछ ही देर बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह बेहोश हो गए। इसके बाद उन्हें गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन वह बच नहीं सके।
इसके अलावा यशोदा अस्पताल के डॉक्टर पद्म सिंह पाल के मुताबिक, राजीव त्यागी की तबियत अचानक से खराब हुई और करीब साढ़े छह बजे उन्हें अस्पताल लाया गया। उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली और दूसरी आपात सेवाओं की मदद स बचाने का प्रयास किया गया, लेकिन कुछ देर बाद उनका निधन हो गया।
वही, राजीव त्यागी के आकास्मिक निधन के बाद राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें बब्बर शेर बताया। राहुल ने ट्वीट में लिखा, 'कांग्रेस ने आज अपना एक बब्बर शेर खो दिया। राजीव त्यागी के कांग्रेस प्रेम व संघर्ष की प्रेरणा हमेशा याद रहेंगे। उन्हें मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि व परिवार को संवेदनाएं।'
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने त्यागी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपूर्णीय क्षति बताया। उन्होंने लिखा, 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव त्यागी जी की असामयिक मृत्यु मेरे लिए एक व्यक्तिगत दुःख है। हम सबके लिए अपूर्णीय क्षति है। राजीव जी विचारधारा समर्पित योद्धा थे। समस्त यूपी कांग्रेस की ओर से परिजनों को हृदय से संवेदना। ईश्वर उनके परिवार को दुख सहने की शक्ति दें।'
इसके अलावा पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने त्यागी के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा, 'नि:शब्द ! एक सबसे प्यारा दोस्त, एक साथी, एक छोटा भाई, एक प्रतिबद्ध कांग्रेसी, खो गया, चला गया, बिछड़ गया। तुम्हारा स्नेह और सुगंध सदा महकेंगे। अलविदा मेरे दोस्त, जहां रहो, चमकते रहो।'
वही, बुधवार शाम को टीवी डिबेट में उनके साथ रहे बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने शोक जताते हुए कहा, 'विश्वास नहीं हो रहा है कंग्रेस के प्रवक्ता मेरे मित्र राजीव त्यागी हमारे साथ नहीं हैं। आज 5 बजे हम दोनों ने साथ में टीवी चैनल पर डिबेट भी किया था। जीवन बहुत ही अनिश्चित है ...अभी भी शब्द नहीं मिल रहे। हे गोविंद राजीव जी को अपने श्री चरणों में स्थान देना।'
बता दें कि गाजियाबाद के रहने वाले राजीव त्यागी उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक पार्टी के लिए काम कर चुके हैं।वह लगातार संघर्षशील रहने वाले और किसानों की मांगों के लिए लड़ने वाले नेता थे।