देश ने मंगलवार को रावण के पुतले जलाकर दशहरा मनाया गया, वहीं पंजाब में किसानों के फसल अवशेष (पराली) जलाने की प्रक्रिया तेज हो गई है, इस बार एक दिन में सर्वाधिक 360 खेतों में आग लगाने की घटनाएं सामने आईं, जिससे कुल मिलाकर यह संख्या अबतक 2,306 के करीब हो गई है।
धुएं और प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों के अलावा, दिल्ली के चारों ओर पराली जलाने और पटाखों से होने वाले धुंए के उत्सर्जन के कारण राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता "खराब श्रेणी" में बनी हुई है।
मंगलवार को, दिल्ली की औसत AQI सुबह 10 बजे 238 था, वहीं गाजियाबाद में औसत AQI 196, फ़रीदाबाद में 258, गुरुग्राम में 176, नोएडा में 200 और ग्रेटर नोएडा में 248 था। दिल्ली के लिए केंद्र की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने कहा कि अगले चार से पांच दिनों में दिल्ली का AQI खराब और बहुत खराब श्रेणियों के बीच रहने की संभावना है।
बताते चलें कि पिछले महीने, दिल्ली ने राजधानी शहर के भीतर पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा की थी। सोमवार को दिल्ली सरकोर ने ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को अपने क्षेत्रों का निरीक्षण करने और सभी प्रदूषण के उपायों का सख्ती से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिए थे। वहीं दिल्ली सरकार ने सर्दियों के दौरान राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सितंबर में 15-सूत्रीय कार्य योजना शुरू की है, जिसमें धूल प्रदूषण, वाहन उत्सर्जन और खुले में कचरा जलाने पर जोर दिया गया है।