प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के ग्रैंड फिनाले को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने नई शिक्षा नीति को लोगों की आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति बताते हुए कहा है कि इससे लोगों की मानसिकता बदलने और युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने और देश को शिक्षा का ‘ग्लोबल हब’ बनाने में मदद मिलेगी। पीएम मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में देश के युवा पीढ़ी को नौकरी खोजने वाले युवक बनाने की जगह नौकरी देने वाले युवक बनाने पर बल दिया जाएगा और इससे आत्मनिर्भर भारत बनाने में मदद मिलेगी। युवाओं को अब नौकरी ही नहीं करनी है बल्कि उन्हें खुद भी आत्मनिर्भर बनना है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति केवल दस्तावेज नहीं है बल्कि यह लोगों की आकांक्षा की अभिव्यक्ति है और 21वीं सदी में लोगों की जरूरतों को पूरा करने का अवसर भी देता है। पीएम मोदी ने कहा कि पहले छात्र अपने मन का विषय नहीं पढ़ पाते थे और उन पर दूसरे विषय पढ़ने का दबाव बना रहता था लेकिन अब छात्र अपने मनपसंद विषय पढ़ेंगे और उनमें आत्मविश्वास पैदा होगा।
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति में मल्टीप्ल एंट्री और मल्टीपल एग्जिट की भी बात कही गई है तथा मल्टी डसिप्लिनसपरी पढ़ाई पर भी जोर दिया गया है। इस संबंध में उन्होंने रवींद्र नाथ टैगोर और लियोनार्डो दा विंची की बहुविषय प्रतिभा का भी जिक्र किया। उन्होंने आगे कहा कि हमारे संविधान के मुख्य शिल्पी, हमारे देश के महान शिक्षाविद बाबा साहेब आंबेडकर कहते थे कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो सभी की पहुंच में हो, सभी के लिए सुलभ हो। ये शिक्षा नीति, उनके इस विचार को भी समर्पित है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा कि आप एक से बढ़कर एक Solutions पर काम कर रहे हैं। देश के सामने जो Challenges हैं, ये उनका Solution तो देते ही हैं, Data, Digitization और Hi-tech Future को लेकर भारत की Aspirations को भी मज़बूत करते हैं। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि हमें हमेशा से गर्व रहा है कि बीती सदियों में हमने दुनिया को एक से बढ़कर एक बेहतरीन साइंटिस्ट, बेहतरीन Technicians, Technology Entrepreneurs दिए हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'अब एजुकेशन पॉलिसी में जो बदलाव लाए गए हैं, उससे भारत की भाषाएं आगे बढ़ेंगी, उनका और विकास होगा। ये भारत के ज्ञान को तो बढ़ाएंगी ही, भारत की एकता को भी बढ़ाएंगी।'
उन्होंने कहा, 'इससे विश्व का भी भारत की समृद्ध भाषाओं से परिचय होगा और एक बहुत बड़ा लाभ ये होगा की विद्यार्थियों को अपने शुरुआती वर्षों में अपनी ही भाषा में सीखने को मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा, 'वैसे भी आज GDP के आधार पर विश्व के top 20 देशों की लिस्ट देखें तो ज्यादातर देश अपनी गृहभाषा, मातृभाषा में ही शिक्षा देते हैं। ये देश अपने देश में युवाओं की सोच और समझ को अपनी भाषा में विकसित करते हैं और दुनिया के साथ संवाद के लिए दूसरी भाषाओं पर भी बल देते हैं।'
पीएम ने बताया कि एक ओर जहां स्थानीय लोक कलाओं और विद्याओं, शास्त्रीय कला और ज्ञान को स्वभाविक स्थान देने की बात है तो वहीं Top Global Institutions को भारत में campus खोलने का आमंत्रण भी है। वही, उन्होंने कहा कि हाल ही में कोरोना से बचाव के लिए फेस शील्ड्स की डिमांड एकदम बढ़ गई थी। इस डिमांड को 3D Printing टेक्नॉलॉजी के साथ पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर देश के युवा आगे आए।
मोदी ने कहा कि देश के गरीब को एक Better Life देने के, Ease of Living के हमारे लक्ष्य को हासिल करने में आप सभी युवाओं की भूमिका बहुत अहम है। मेरा हमेशा से ये मानना रहा है कि देश के सामने आने वाली ऐसी कोई चुनौती नहीं है जिससे हमारा युवा टक्कर ना ले सके, उसका समाधान ना ढूंढ सके। प्रधानमंत्री ने आगे कहा,'स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के माध्यम से भी बीते सालों में अद्भुत Innovations देश को मिले हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि इस Hackathon के बाद भी आप सभी युवा साथी, देश की जरूरतों को समझते हुए, देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, नए-नए solutions पर काम करते रहेंगे।'