देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रविवार को इस साल के आखिरी 'मन की बात' (Maan ki Baat) के 84वें एपिसोड को संबोधित किया। उन्होंने तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना (Helicopter Crash) का जिक्र करते हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Captain Varun Singh) को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि 'वरुण जब अस्पताल में थे, उस समय मैंने सोशल मीडिया (Social Media) पर कुछ ऐसा देखा, जो मेरे हृदय को छू गया। इस साल अगस्त में ही उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। इस सम्मान के बाद उन्होंने अपने स्कूल के प्रिंसिपल को एक चिट्ठी लिखी थी। जिसे को पढ़कर मेरे मन में पहला विचार यही आया कि सफलता के शीर्ष पर पहुंच कर भी वे जड़ों को सींचना नहीं भूले। दूसरा कि जब उनके पास जश्न मनाने का समय था, तो उन्होंने आने वाली पीढ़ियों की चिंता की।
ग्रुप कैप्टन की चिट्ठी में छात्रों के लिए था ये खास संदेश
वरुण सिंह ने इस चिट्ठी को शौर्य चक्र से सम्मानित होने के कुछ सप्ताह बाद 18 सितंबर को अपने स्कूल चंडीमंदिर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखा था। इस पत्र में उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए प्रेरणा देने वाली कई बड़ी बातें लिखी थीं। इसमें वरुण सिंह ने लिखा था कि 'औसत दर्जे का होने में कोई भी बुराई नहीं है। सभी छात्र 90 प्रतिशत अंक नहीं ला सकते। हां, यह जरूर है कि जो ऐसा कर पाते हैं, उनकी सराहना होनी चाहिए। अगर आप औसत दर्जे के हैं तो यह बिल्कुल भी मत समझिए कि आप इसी के लिए बने हैं। आप स्कूल में औसत हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आप जीवन भर औसत ही रहेंगे। आप अपने मन की सुनिए कि आप क्या करना चाहते हैं। यह कला, संगीत, साहित्य या ग्राफिक डिजाइन कुछ भी हो सकता है। आप जो भी करिए उसे बेहतर ढंग से करें और अपना सर्वश्रेष्ठ दीजिए। उन्होंने लिखा की वह स्वयं भी एक औसत छात्र ही थे और बहुत मशक्कत से उन्हें 12वीं में प्रथम श्रेणी के अंक मिले थे। उन्हें एविएशन का क्षेत्र पसंद था और आज एक ऐसा समय आया है, जब उन्हें राष्ट्रपति की ओर से शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा रहा है।'
इस संबोधन के बीच में एक वीडियो भी चलाया गया, जिसमें ग्रीस के बच्चों ने वंदे मातरम की शानदार प्रस्तुति दी। इस पर पीएम ने बच्चों की तारीफ करते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि दोनों देशों के बीच संबंध कितने अच्छे हैं। टीकाकरण पर पीएम ने कहा कि 140 करोड़ डोज लगाकर देश ने एक बड़ा लक्ष्य हासिल किया है। यह गर्व की बात है। पीएम ने आगे कहा कि यह जनशक्ति की ही शक्ति है कि हम सभी के प्रयासों से 100 वर्षों में सबसे बड़ी महामारी से लड़ने में सक्षम हैं। हमारे वैज्ञानिक लगातार कोरोना के नए ओमाइक्रोन वेरिएंट का अध्ययन कर रहे हैं। रोज मिल रहे डाटा के आधार पर काम किया जा रहा है। लेकिन हमें सतर्क और अनुशासित रहना होगा।