प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) के 306 किलोमीटर लंबे रेवाड़ी- मदार गलियारे का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा चलने वाली 1.5 किलोमीटर लंबी दुनिया की पहली डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन का भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
बता दें कि इससे रेलवे को माल ढुलाई में काफी फायदा मिलेगा और एक बार में ज्यादा सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से भेजा जा सकेगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य के अलावा दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री क्रमश: अशोक गहलोत और मनोहर लाल खट्टर उपस्थित रहे।
यहां पढ़े PM मोदी के संबोधन से जुड़ी बड़ी बातें
- कार्यक्रम को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए चल रहे महायज्ञ ने आज एक नई गति हासिल की है। बीते दिनों आधुनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से किसानों के खातों में सीधे 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांसफर किए गए हैं।
- इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ ही दिन पहले भारत ने कोरोना की दो मेड इन इंडिया वैक्सीन को मंजूरी दी है। भारत की अपनी वैक्सीन ने देशवासियों में आत्मविश्वास पैदा किया है।
- पीएम ने आगे कहा कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के इस प्रोजेट को 21वीं सदी में भारत के लिए गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है। पिछले 5-6 वर्षों के कड़े परिश्रम के बाद आज इसका एक बड़ा हिस्सा हकीकत बन गया है।
- उन्होंने कहा कि आज का दिन NCR, हरियाणा और राजस्थान के किसानों, उद्यमियों, व्यापारियों के लिए नए अवसर लाया है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर चाहे ईस्टर्न हो या वेस्टर्न ये सिर्फ मालगाड़ियों के लिए आधुनिक रूट नहीं हैं। ये देश के तेज़ विकास के कॉरिडोर हैं।
- पीएम मोदी ने आगे कहा, 'जापान और जापान के लोग भारत की विकास यात्रा में एक भरोसेमंद मित्र की तरह हमेशा भारत के साथ ही रहे हैं। वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में जापान ने आर्थिक सहयोग के साथ ही भरपूर्ण टेक्नोलॉजी सपोर्ट भी दिया है। मैं जापान और जापान के लोगों का धन्यवाद करता हूं।'
जानें क्या है इस ट्रेन की खासियत और इसके चलने से क्या होंगे फायदे
न्यू रेवाड़ी-न्यू मदार खंड का 79 किलोमीटर हरियाणा के रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिलों में है जबकि शेष 227 किलोमीटर राजस्थान के अजमेर, सीकर, नागपुर और अलवर जिलों में है। इस खंड में नौ नए रेलवे स्टेशन हैं जिन्हें डीएफसी के लिए बनाया गया है। वही, दुनिया में पहली बार दुमंजिला मालगाड़ी का परिचालन किया गया है। इसमें एक के ऊपर एक कंटेनर रखे गए हैं जिससे गाड़ियों की मालवहन क्षमता दुगुनी हो गई है।
बता दें कि पूर्वी और पश्चिमी डीएफसी का निर्माण जून 2022 तक पूरा होना है। पहले इसे दिसंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन कोविड-19 के दौरान काम बाधित होने से अब निर्माण की समय सीमा बढ़ा दी गई है। इस पर मालगाड़ियों की अधिकतम गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
देश में अधिकतम 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मालगाड़ियां चल रही थी, लेकिन पूर्वी डीएफसी के न्यू भावपुर-न्यू खुर्जा खंड के उद्घाटन के बाद से वहां लगातार गाड़ियों की अधिकतम गति सीमा 90 किलोमीटर प्रति घंटे से ऊपर रह रही है। डीएफसी परियोजना पूरी होने के बाद मालगाड़ियों की औसत गति भी 26 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़कर 75 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी।