मथुरा (Mathura) के श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmabhoomi) की 13.37 एकड़ जमीन के मामले में आज यानी बुधवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई होगी। इस मामले में कोर्ट में लॉ की 7 छात्राओं और दिल्ली लखनऊ हाई कोर्ट के 4 वकीलों ने अर्जी दाखिल की है। मंगलवार को इस दावे को जिला जज की अदालत में पेश किया गया था, जिसकी सुनवाई एडीजे द्वारा की गई थी।
जानें किसने दाखिल की थी अर्जी
इस मामले में लॉ की 7 छात्राओं उपासना सिंह, नीलम सिंह, अनुष्का सिंह, साधना सिंह, अंकिता सिंह, दिव्या निरंजन (आईसीएएफएआई देहरादून), डॉ. शंकुतला मिश्रा (लखनऊ विश्वविद्यालय) के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के अधिवक्ता अंकित तिवारी एडवोकेट, शैलेंद्र सिंह, वरुण कुमार मिश्रा, दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता रंजन कुमार रॉय की तरफ से अर्जी दाखिल की गई है।
अदालत ने सबूत मांगे
इस मामले में लॉ छात्राओं ने सीपीसी के सेक्शन 92 को आधार मानते हुए यह दावा पेश किया है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान इस मामले में जमीन से जुड़े सभी कागजात पेश करने के लिए कहा था। सेक्शन 92 के तहत दो या दो से ज्यादा लोगों एक मत होकर संस्थान के साथ हुए गलत को जनहित में सही करने के लिए कोर्ट में अपना दावा कर सकते हैं।
एएसआई सर्वे की मांग
आपको बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में शाही ईदगाह में एएसआई सर्वे (ASI Survey) की मांग की गई है। मामले में हिंदू पक्षकार मनीष यादव (Manish Yadav) ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में इसके लिए प्रार्थना पत्र दे दिया है। हिंदू पक्ष ने याचिका में शाही ईदगाह को असली गर्भगृह बताते हुए वहां एएसआई सर्वे कराने की मांग की है। इसके साथ ही विवादित स्थल पर CCTV कैमरे भी लगाए जाने की बात की है। इस अर्जी पर 1 जुलाई को सुनवाई की जाएगी।
वीडियोग्राफी भी मांग
गौरतलब है कि याचिका दाखिल कर मनीष यादव ने शाही ईदगाह का सर्वे कराने की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई कोर्ट में 1 जुलाई को की जाएगी। मनीष यादव का यह दावा है कि वो भगवान श्रीकृष्ण का वंशज (Descendants of Lord Krishna) हैं। याचिका में यह भी मांग की गई है कि किसी एडवोकेट कमिश्नर को नियुक्त करके शाही ईदगाह की वीडियोग्राफी (videography) भी कराई जाए और उनसे इसकी रिपोर्ट मांगी जाए।