प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनके 91वें जन्मदिन पर बधाई दी और उनकी उपलब्धियों को याद किया। पीएम मोदी ने अपने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। मैं उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करता हूं।"
वहीं, खड़गे ने भी एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "पूर्व प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी को उनके जन्मदिन पर मैं शुभकामनाएं देता हूं। वह राजनीति में सादगी, गरिमा और शालीनता का एक दुर्लभ उदाहरण हैं। एक सच्चे राजनेता प्रधानमंत्री, जिनके कार्य उनके शब्दों से अधिक बोलते हैं। हम राष्ट्र के लिए उनके जबरदस्त योगदान के लिए हमेशा आभारी हैं। उनके अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और लंबे जीवन की कामना करते हैं।"
उधर, राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री, डॉ. मनमोहन सिंह जी की ईमानदारी, राष्ट्र निर्माण और जनता के आर्थिक उत्थान के प्रति अटूट प्रतिबद्धता मेरे लिए हमेशा प्रेरणा रहेगी। उनके जन्मदिन पर उनके अच्छे स्वास्थ्य और खुशी की कामना करता हूं।"
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सिंह को जन्मदिन की बधाई दी और एक्सय पर लिखा, "मनमोहन सिंह जी को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। एक नेता के रूप में, उन्होंने हमें राजनीति में धैर्य और विनम्रता का मूल्य दिखाया। एक प्रधानमंत्री के रूप में, उनकी ईमानदारी, साहस, दूरदर्शिता और बुद्धिमत्ता ने हमारे देश को आत्म-विश्वास और गौरव के साथ 21वीं सदी में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया। (उनके लिए) हमेशा गहनतम सम्मान।"
इसके अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक नेता एम.के. स्टालिन ने मनमोहन सिंह को उनके जन्मदिन पर बधाई दी और कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई! पीएम के रूप में, वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान उनके नेतृत्व और समावेशी नीतियों के प्रति प्रतिबद्धता ने भारत के भविष्य को नया आकार दिया। उनका शांत, बौद्धिक और विनम्र दृष्टिकोण एक उदाहरण के रूप में काम आता है जो हर युग में नेतृत्व के लिए मूल्यवान सबक प्रदान करता है।"
बता दें कि भारत के पूर्व प्रधामंत्री का जन्म 26 सितंबर 1932 को हुआ था। उन्होंने 1982-1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर के रूप में कार्य किया और पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में वह वित्त मंत्री थे। वह 1991 में भारत के आर्थिक उदारीकरण के लिए जिम्मेदार लोगों में से एक थे। उन्होंने आर्थिक सुधारों की शुरुआत की जो भारत को उदारीकरण की ओर ले गए और लाइसेंस राज को समाप्त किया।