Mahashivratri: महाशिवरात्रि का पर्व धूम-धाम से मनाया जा रहा है। सुबह भोर से ही मंदिरों के बाहर लंबी कतारें लगी हुई हैं। लखनऊ सहित आसपास के जिलों के प्रसिद्व शिव मंदिरों में भोर से भक्तों की कतारें लग गईं। लखनऊ, बाराबंकी, रायरबेली, गोंडा, बहराइच, अयोध्या के शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की कतारें लग गईं। अयोध्या में आज रिकॉर्ड लोगों के आने की संभावना है। आज से महाकुंभ खत्म हो रहा है। उम्मीद की जा रही है कि महाकुंभ से लौटी भीड़ अयोध्या पहुंच सकती है। एक अनुमान के मुताबिक आज दस लाख से अधिक लोग अयोध्या आ सकते हैं।
कमल पुष्पों से हुआ बाबा का श्रृंगार
बाराबंकी के औसानेश्वर महादेव मंदिर में सजावट के साथ ही गोमती नदी से मंदिर तक बेरीकेडिंग की गई है। भक्तों द्वारा कमल पुष्पों से शृंगार हुआ। पुजारी संजय गिरि ने बताया कि मंदिर के पट भक्तों के लिए रात एक बजे से खोल दिए गए। कुंतेश्वर महादेव मंंदिर में मंगलवार से ओम नम: शिवाय जप निरंतर चल रहा है। शिवरात्रि पर भंडारे में फलाहार वितरण किया जाएगा। सिद्धौर के सिद्धेश्वर महादेव मंदिर को फूलों व रंग बिरंगी लाइट से सजाया गया। पुजारी अनिल पुरी महाराज ने बताया कि शिव बरात निकाली जाएगी। सतोखर तालाब स्थित सिद्धेश्वर, मत्थेश्वर महादेव मंदिर, रामसनेहीघाट के बुढ़वा बाबा मंदिर समेत सभी शिवालयों को सजाया गया है।
पूजा का सर्वोत्तम मुहूर्त
बुधवार सुबह 11:08 से बृहस्पतिवार सुबह 8:54 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। पं. शिव बहादुर मिश्रा ने बताया कि निशीथ काल पूजा का समय रात 11:54 से 12:44 बजे तक है। महाशिवरात्रि पर ब्रह्म मुहूर्त की पूजा का समय सुबह 5:16 से 6:04 बजे तक है। रात के पूजन में शिवयोग का बहुत महत्व होता है। यह रात्रि 11:41 बजे तक रहेगा। उसके बाद सिद्ध योग रहेगा। अमृत काल मुहूर्त सुबह 6:02 से 7:31 बजे तक रहेगा।
रायबरेली के मंदिरों में लगीं कतारें
मंगलवार को शिव मंदिरों में सुबह से ही तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया। मंदिरों की देखरेख करने वाले पुजारी व सेवादार पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ तैयारियों में जुट गए हैं। मंगलवार को शहर के जगमोहनेश्वर, पहलवानवीर बाबा व जेल रोड स्थित सर्वेश्वर महादेव मंदिर की साफ-सफाई की गई, उसके बाद उन्हें फूलों व आकर्षक झालरों से सजाया गया। बुधवार की सुबह से ही भक्तों की कतारें मंदिरों के बाहर लगनी शुरू हो गईं।
कोटेश्वर मंदिर के प्रति भक्तों का है अटूट विश्वास
सतांव में कोटेश्वर मंदिर का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। इस मंदिर में तीन शिवलिंग हैं। क्षेत्र में यह मंदिर शिव धाम के नाम से जाना जाता है। कोटेश्वर मंदिर में दूर-दराज से आने वाले भक्तों की अगाध आस्था व अटूट विश्वास का है। लोगों का कहना है कि देवालय में विराजमान तीन शिवलिंगों के दर्शन मात्र से भगवान आशुतोष प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी कर करते हैं। महाशिवरात्रि पर्व को देखते हुए मंदिर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।