माघ शिवरात्रि (Magha Shivratri) महाशिवरात्रि (Mahashivratri) से ठीक एक महीने पहले माघ मास (January) की चतुर्दशी तिथि को आती है। इस शिवरात्रि को माघ मास शिवरात्रि और माघ शिवरात्रि के नाम से जाना जाता हैं। धार्मिक दृष्टि से माघ मास की शिवरात्रि का बड़ा ही महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ मास की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव (Lord Shiva) और देवी पार्वती (Goddess Parvati) का रिश्ता तय हुआ था और बसंत पंचमी के दिन महादेव का शगुन यानी छेका हुआ था।
इसके बाद फाल्गुन मास (February) की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान भोलेनाथ और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का धार्मिक दृष्टि से बड़ा ही महत्व माना जाता है। इस दिन को लोग नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं। यानी इस दिन व्रत रखकर भोले बाबा की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है और यम यातना व नरक यातना से बचा जा सकता है।
नकर निवारण चतुर्दशी और माघ मास की मासिक शिवरात्रि इस साल 30 जनवरी यानी आज है। इस दिन शाम तक त्रयोदशी तिथि रहेगी इसके बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी। ऐसे में भोले के भक्तों को माघ शिवरात्रि का व्रत पूजन करने से प्रदोष व्रत और त्रयोदशी तिथि के व्रत पूजन का भी लाभ प्राप्त होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ चतुर्दशी यानी माघ शिवरात्रि के दिन भोले की पूजा और व्रत रखने से अकाल मृत्यु का भय भी दूर होता है और सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
माघ शिवरात्रि मुहूर्त
30 जनवरी की शाम 5 बजकर 29 मिनट से चतुर्दशी तिथि आरंभ
31 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 19 मिनट पर चतुर्दशी तिथि समाप्त हो जाएगी
निशीथ काल में पूजा का समय रात 12 बजकर 8 मिनट से रात 1 बजकर 1 मिनट तक है।