शारदीय नवरात्रि (Sharadi Navratri) का आज (27 अगस्त) दूसरा दिन है। इस दिन दुर्गा माता के द्वितीय स्वरूप माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) का अर्थ होता है तप का आचरण करने वाली देवी। इनका बहुत तेजमय और भव्य स्वरूप होता है। माँ ब्रह्मचारिणी की अराधना करने से बुद्धि, आत्मविश्वास, संयम में वृद्धि होती है। माँ ब्रह्मचारिणी अपने बाएं हाथ में कमंडल और दाहिने हाथ में जप की माला धारण करती हैं। ऐसी मान्यता है कि माँ ब्रह्मचारिणी की कृपा से धैर्य प्राप्त होता है। इसके साथ ही मनुष्य कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्त्तव्य से नहीं भागता है। इनकी पूजा करने से मनुष्य को जीवन में विजय प्राप्त होती है। माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा के साथ उनकी आरती जरूर करनी चाहिए। इससे माँ बेहद प्रसन्न होती हैं।
माँ ब्रह्मचारिणी की पूजन विधि
सर्वप्रथम माँ ब्रह्मचारिणी को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर पुष्प, कुमकुम, अक्षत और सिंदूर आदि चीजें उन्हें अर्पित करें। माँ ब्रह्मचारिणी को सफेद (White) रंग अति प्रिय है। इसलिए इन्हें सफेद और सुगंधित फूल ही चढ़ाने चाहिए। साथ ही इन्हें मिश्री या सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाना काफी लाभदायक है।
माँ ब्रह्मचारिणी का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।