RG Kar Rape-Murder: कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले में दोषी संजय रॉय को आज कुछ ही देर में सज़ा सुनाई जाएगी, क्योंकि सीबीआई कोर्ट ने शनिवार (18 जनवरी) को उसे दोषी ठहराया था। उसे अगस्त 2024 में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या का दोषी पाया गया था।
इस मामले ने देश भर में हज़ारों लोगों के बीच विरोध और आक्रोश को जन्म दिया। सीबीआई कोर्ट ने सिविक वालंटियर पर धारा 64 (बलात्कार), धारा 66 (मृत्यु का कारण बनने की सज़ा) और धारा 103 (हत्या) के तहत आरोप लगाए। सज़ा की मात्रा आज घोषित की जाएगी।
इस मामले में मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
आज संजय रॉय को सजा सुनाई जानी है, इसलिए सियालदह कोर्ट के बाहर सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता पुलिस के दो डिप्टी कॉमनर्स, पांच असिस्टेंट कॉमनर्स, 14 इंस्पेक्टर, 31 सब-इंस्पेक्टर, 39 असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर, 299 कांस्टेबल और 80 महिला पुलिसकर्मियों को मैदान में तैनात किया गया है।
इन धाराओं के तहत न्यूनतम सजा में कम से कम 10 साल की कठोर कारावास की सजा शामिल है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है, जबकि अधिकतम सजा मृत्युदंड है।
सीबीआई कोर्ट ने सिविक वालंटियर को दोषी करार देते हुए कहा था, "मैंने सभी सबूतों और गवाहों की जांच की है, दलीलें भी सुनी हैं। इन सब पर गौर करने के बाद मैंने आपको दोषी पाया है। आप दोषी हैं। आपको सजा मिलनी ही चाहिए।"
सुनवाई के दौरान संजय रॉय ने खुद को निर्दोष बताया और दावा किया कि उन्हें फंसाया जा रहा है। रॉय ने कहा, "मैं हमेशा अपने गले में रुद्राक्ष की चेन पहनता हूं। अगर मैंने अपराध किया होता तो मेरी चेन घटनास्थल पर ही तोड़ दी गई होती। मैंने यह अपराध नहीं किया, मुझे फंसाया गया है। मुझे फंसाने वालों को, जिनमें एक आईपीएस अधिकारी भी शामिल है, रिहा किया जा रहा है। क्यों?"
अदालत की सुनवाई में मौजूद पीड़िता के माता-पिता फैसला सुनने के बाद रो पड़े। उन्होंने कहा, "मुझे आप पर पूरा भरोसा था। हमारे भरोसे का सम्मान करने के लिए आपका धन्यवाद।"
महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव 9 अगस्त, 2024 को तड़के अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था। कथित तौर पर बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस अपराध के सिलसिले में अगले दिन एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया था।
कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय की पहचान पीड़ित के शव के पास मिले ब्लूटूथ इयरफोन से की। सीसीटीवी फुटेज में रॉय को गले में डिवाइस लटकाए सेमिनार हॉल में घुसते हुए देखा गया था।
इस घटना के बाद देश भर में हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और आक्रोश जताया। 15 अगस्त को महिलाओं और कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित 'रिक्लेम द नाइट' रैली के दौरान भीड़ द्वारा आरजी कर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में तोड़फोड़ किए जाने के बाद मामले ने हिंसक रूप ले लिया।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले का संज्ञान लिया और मामले को "बेहद वीभत्स" करार दिया। इसने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से सेवा बहाल करने का आग्रह किया। एनएचआरसी ने भी मामले का संज्ञान लिया।
इस घटना के बाद आरजी कर कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य संदीप घोष को इस्तीफा देना पड़ा था, क्योंकि मामले से निपटने के तरीके को लेकर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार की काफी आलोचना हुई थी।