PM Modi Kedarnath Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केदारनाथ दौरे पर है। आज उन्होंने वहां श्री आदि शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण किया है। जो की 12 फुट लंबी और 35 टन वजन वाली प्रतिमा है। इसी के साथ प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी ने 2013 की प्राकृतिक आपदा में क्षतिग्रस्त हुए श्री आदि शंकराचार्य के समाधि स्थल का भी लोकार्पण किया। आईए जानते हैं आखिर कौन है शंकर आचार्य-
शंकर आचार्य का जन्म केरल में कालपी 'काषल' नामक गांव में करीब 507-50 ई. पूर्व में हुआ था। इनके पिता का नाम शिवगुरु भट्ट और माता का नाम सुभद्रा था। शिवगुरु ने बहुत दिन तक सपत्नीक शिव की आराधना करने के बाद पुत्र-रत्न पाया था, जिसका नाम उन्होंने शंकर रखा। जब शंकराचार्य 3 साल के थे तभी इनके पिता का देहांत हो गया था। शंकर बड़े ही मेधावी और प्रतिभाशाली थे। 6 साल की उम्र में ही वह प्रकांड पंडित हो गए थे और आठ साल की अवस्था में इन्होंने संन्यास ले लिया था। इस दौरान उन्होंने भारतवर्ष के चारों कोनों में चार मठों की स्थापना की थी, जो अब तक प्रसिद्ध और पवित्र माने जाते हैं।
ये चारों मठों के नाम हैं-
-ज्योतिष्पीठ बदरिकाश्रम
-श्रृंगेरी पीठ
-द्वारिका शारदा पीठ
-पुरी गोवर्धन पीठ
इन्होंने अपने धर्म में कई विधर्मियों को भी दीक्षित किया था। इन्हें शंकर का ही एक रूप माना जाता है। इन्होंने सनातन धर्म के वैभव को बचाने और सम्पूर्ण भारत को एकता के सूत्र में पिरोने में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया।
शंकरचार्य की प्रतिमा
बता दें कि शंकरचार्य की मूर्ति के निर्माण को लेकर अलग-अलग मूर्तिकारों ने अनेक मॉडल दिए थे। ऐसे क़रीब 18 मॉडलों में से इस एक मॉडल को चुना गया। इस प्रतिमा का चयन प्रधानमंत्री की सहमति के बाद ही किया गया था। इस प्रतिमा को मैसुरू के मूर्तिकार अरूण योगीराज ने बनाया है, इस काम में उनकी पांच पीढ़ियां जुटी हैं। अरुण समेत करीब 9 लोगों की टीम ने मिलकर इस मूर्ति में जान डालकर इसे तैयार किया है।