जम्मू-कश्मीर प्रशासन (Jammu Kashmir Administration) ने अमरनाथ तीर्थयात्रा की शुरुआत से पहले तीर्थयात्रियों (pilgrims) के लिए 'क्या करें और क्या न करें' (dos and don'ts) की सलाह दी है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से तीर्थयात्रियों से कहा गया है कि वे प्रतिदिन सुबह की सैर (morning walk) पर जाने और ऊंचाई पर खुद को फिट रखने के लिए सांस लेने के व्यायाम (exercises) का अभ्यास करें।
जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और नीतीशवर कुमार ने एहतियाती उपाय बताते हुए कहा कि भक्तों को सुबह की सैर पर जाने के लिए कहा है और सांस लेने के व्यायाम करने की सलाह दी है। इसके अलावा उन्होंने भक्तों से अपने गर्म कपड़े, खाने-पीने का सामान रखने के लिए भी कहा है।
कब शुरू होगी अमरनाथ यात्रा?
रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अमरनाथ तीर्थयात्रा 30 जून 2022 से शुरू होगी। यात्रा का समापान 11 अगस्त 2022 को रक्षा बंधन के अवसर पर होगा। नीतीशवर कुमार की यह टिप्पणी उत्तराखंड में चार बांध यात्रा के दौरान 90 से अधिक तीर्थयात्रियों की जान जाने के बाद आई है। समाचार एजेंसी एएनआईल के अनुसार, नीतीशवार कुमार ने कहा, जिन तीर्थयात्रियों ने अपना पंजीकरण कर लिया है उन्हें हर रोज करीब 4 से 5 घंटे सुबह या शाम की सैर करनी चाहिए। क्योंकि ये खुद को फीट करने के लिए बहुत जरूरी है। पवित्र गुफा 12700 फीट पर है जबकि आपको अपने रास्ते में 14,000 या 15,000 फीट को पार करना होगा। साथ ही उन्होंने भक्तों से गहरी सांस लेने के व्यायाम का अभ्यास करने को कहा है, क्योंकि इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी होती है।
बारिश के दौरान क्षेत्र में तापमान में कभी-कभी गिरावट का हवाला देते हुए प्रमुख सचिव ने तीर्थयात्रियों को एहतियात के तौर पर गर्म कपड़े साथ ले जाने का सुझाव दिया है। यात्रा के दौरान बारिश होने पर तापमान लगभग 5 डिग्री तक गिर जाता है। इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए अपने गर्म कपड़े अपने साथ लाएं। एक चलने वाली छड़ी, जैकेट और खाने का सामान जरूर लाएं। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खुद को हाइड्रेट करते रहें।