महादेव कैसा बेलपत्र स्वीकार करते हैं और उन्हें कैसा बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। बेलपत्र शिव को बेलपत्र चढ़ाने से पहले ये जान लेना आवश्यक होता है कि कौन-सा बेलपत्र अतिप्रिय है।
तीन या पांच पत्तियों वाला बेलपत्र
बेलपत्र में एक, तीन, पांच या उससे अधिक पत्तियां भी होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बेलपत्र में जितनी अधिक पत्तियां होती हैं, बेलपत्र उतना ही अधिक उत्तम माना जाता है। इसीलिए महादेव को प्रसन्न करने के लिए आप महाशिवरात्रि के अवसर पर कम से कम तीन या पांच पत्तियों वाला बेलपत्र अर्पित करें।
चक्र और धारियां रहित बेलपत्र
कई बार बेलपत्र के ऊपर धारियां और चक्र जैसे निशान उभर आते हैं। इन बेलपत्रों को शिव को समर्पित नहीं करना चाहिए। ऐसे बेलपत्र को खंडित बेलपत्र माना जाता है। वहीं खंडित बेलपत्र को महादेव कभी स्वीकार नहीं करते हैं और खंडित बेलपत्र अर्पित करने वाले लोगों से हमेशा नाराज हो जाते हैं।
बेलपत्र साफ हो
शिव को बेलपत्र अर्पित करने से पहले उन्हें भलीभांति एक बार देख लें, क्योंकि महादेव कटा-फटा और खंडित बेलपत्र कभी स्वीकार नहीं करते हैं। बेलपत्र साफ सुथरा होना चाहिए। महादेव को प्रसन्न करने के लिए अच्छा बेलपत्र होना चाहिए।
महादेव को ऐसे अर्पित करें बेलपत्र
महाशिवरात्रि के दिन शिव को बेलपत्र अर्पित करते समय यह ध्यान रखें कि, बेलपत्र का चिकना हिस्सा शिवलिंग के ऊपर रहना चाहिए। महाशिवरात्रि पर शिव को प्रसन्न करने के लिए विधिपूर्वक बेलपत्र अर्पित करें और पूर्ण श्रद्धा के साथ शिवलिंग पर चढ़ा दें।