आईपीएल 2022 का आगाज हो चुका है। घरेलू लीग्स में वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी लीग्स मानी जाती है। इस लीग को खेलने से प्लेयर्स को अधिक प्रतिष्ठा तो मिलती ही है इसके साथ ही प्लेयर्स पर पैसों की बारिश की जाती है। आईपीएल टीमों के फ्रैंचाइज अपने खिलाड़ियों को फीस के तौर पर करोड़ों रुपये देते हैं। वहीं मैच में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों पर पैसों और ईनामों की बारिश भी की जाती है। ऐसे में आईपीएल में खर्च होने वाले इतने पैसे को लेकर यह सवाल भी उठता है कि आखिर ये पैसे आते कहां से हैं।
आईपीएल में कमाई की बात करें तो सभी आईपीएल टीमें और बीसीसीआई सेंट्रल रेवेन्यू से IPL में करते हैं। वहीं बात अगर सेंट्रल रेवेन्यू से कमाई के दो अहम जरिए हैं। इसमें मीडिया ब्रॉडकास्टिंग और टाइटल स्पॉनरशिप से होती है। वहीं, विज्ञापन भी बीसीसीआई के लिए कमाई का जरिया है। आपको बता दें कि कुल कमाई का करीब 10 फीसदी टिकटों से जमा होता है। ऐसे में ये सभी ही टीमों औऱ बीसीसीआई के मुख्य स्रोत होते हैं।
आईपीएल में विज्ञापन रेवेन्यू का एक बड़ा जरिया माने जाते हैं। इसके साथ ही आईपीएल टीमें विज्ञापन और प्रमोशन से भी पैसा कमातीं हैं। इसके साथ ही अंपायर की जर्सी, हेलमेट, विकेट, मैदान और बाउंड्री के पास दिखने वाले कंपनियों के नाम और उनके लोगो के लिए कंपनियां टीमों को पैसा देती हैं। टीमें अपने नाम और लोगो वाले टी-शर्ट, कैप, ग्लब्स बेचकर भी पैसे कमाती हैं। वहीं, खिलाड़ी आईपीएल के ऐड भी शूट करते हैं जिससे उन्हें बड़ा मुनाफा होता है।
आईपीएल मैच के लिए ब्राडकास्टिंग सबसे अधिक महत्वपूर्ण होती है। ब्राडकास्टिंग के जरिए ही सबसे ज्यादा रेवेन्यू जेनरेट होता है। ब्रॉडकास्टिंग राइट्स का मतलब होता है कि IPL के मैच केवल वही चैनल दिखा पाएगा जिसके पास इसके राइट्स होंगे। अभी फिलहाल मीडिया राइट्स स्टार स्पोर्ट्स के पास हैं। स्टार स्पोर्ट्स ने इन राइट्स को 2018 और 2022 तक 16347 करोड़ रुपये में खरीदा है। 2022 के आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सरशिप टाटा है। टाटा ने इसके लिए 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। आईपीएल को ये दोनों ही सबसे अधिक रेवेन्यू देने वाले जरिए हैं।