Haryana News:हरियाणा में बीते दिन लिपिकों के वेतन को लेकर हुआ भारी बवाल शांत ही हुआ था कि एक बार फिर लिपिकों की नौकरी पर संकट आ गया है। बता दें कि हरियाणा में वर्ष 2020 में भर्ती हुए पांच सौ से ज्यादा लिपिकों की नौकरी पर खतरा है, जिनके कागजात की जांच अभी तक नहीं हुई है। सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग को इन लिपिकों की उम्मीदवारी पर फैसला लेने को कहा है। यदि उम्मीदवारी सही नहीं मिलती है तो उन्हें सात दिन में हटाने को कहा है।
दरअसल, वर्ष 2020 में सरकार ने 4798 लिपिक भर्ती किए थे। इस भर्ती को लेकर उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने दो प्रश्नों को गलत ठहराते हुए फिर से परिणाम जारी करने को कहा था। वर्ष 2022 में कर्मचारी चयन आयोग ने फिर से परिणाम जारी किया था। इस परिणाम के बाद करीब 646 लिपिक अपने कागजात की जांच करवाने के लिए आयोग के पास नहीं पहुंचे। इनमें से कुछेक ने तो दूसरे विभागों में दूसरे पदों पर ज्वाइन कर लिया।
जिनमें से लगभग 500 लिपिक अभी भी विभिन्न विभाग में कार्यरत हैं। इनमें से कुछ लिपिकों को न्यायालय से यथास्थिति प्राप्त है। जिस कारण विभाग ने सरकार से स्थगनादेश के आधार पर नौकरी कर रहे लिपिकों के पदोन्नति व अन्य लाभ देने बारे पूछा था। लेकिन अब सरकार के मानव संसाधन विभाग ने एक लेटर जारी करते हुए कहा कि जिन लिपिकों को न्यायालय से सीधा उनके नाम से स्टे ऑर्डर है, उन्हें छोड़कर बाकी लिपिकों को उम्मीदवारी पर कर्मचारी चयन आयोग को फैसला लेने को कहा है। ऐसे में यदि उम्मीदवारी सही नहीं पाई जाती है तो सात दिन में ऐसे सभी लिपिकों को कार्यमुक्त कर दिया जाएगा।
उधर, लिपिक एसोसिएशन के प्रधान विक्रांत ने कहा कि फैसले के बारे में पता चला है। कानूनी पहलुओं पर विचार-विमर्श कर इस संबंध में फैसला लिया जाएगा। एसोसिएशन लिपिकों के साथ है। उनके लिए हर संभव स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी।