हर कोई शनिदेव की कुदृष्टि से भयभीत रहता है। माना जाता है कि शनिदेव की बुरी नजर लगने से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, शनिदेव के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए ही पवन पुत्र हनुमान जी की उपासना की जाती है। मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से उनके किसी भी भक्तों पर शनिदेव की नजर का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है।
हनुमान जी को शनिदेव ने दिया था ये वचन -
धार्मिक कथाओं के अनुसार, रावण ने शनिदेव को लंका में बंदी बना रखा था। तब हनुमान जी ने ही उन्हें रावण के बंधन से मुक्ति दिलाई थी। उस समय शनिदेव ने हनुमान जी को ये वचन दिया था कि उनके अशुभ प्रभाव कभी भी बजरंगबली के भक्तों पर नहीं पड़ेंगे।
शनिवार को करें हनुमान जी की पूजा, मिलेगा शुभ फल -
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, हनुमान जी व शनिदेव की शनिवार को पूजा करने से भक्तों को शुभ फलों मिलता है। ये दिन हनुमान जी व शनिदेव को समर्पित माना जाता है। इसलिए इस दिन हर शख्स को हनुमान जी व शनिदेव की पूजा करनी चाहिए।
शनि दोष से ऐसे पाएं मुक्ति-
शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। यदि संभव हो तो इस दिन आप सुंदरकांड का पाठ भी करें। हनुमान जी की पूजा करने से आपको शनि दोष से पूर्णतः: मुक्ति मिल जाएगी।
हनुमान जी को पवन पुत्र क्यों कहा जाता है?
पौराणिक कथा के मुताबिक, माता अंजना को केसरी राज के साथ शादी करने के बाद कई सालों तक पुत्र सुख की प्राप्ति नहीं हुई थी। इसी सिलसिले में वह मतंग मुनि के पास जाकर पुत्र प्राप्ति का मार्ग पूछने लगीं। ऋषि ने बताया की भगवान वेंकटेश्वर की वृषभाचल पर्वत पर पूजा-अर्चना करो। फिर गंगा तट पर स्नान करके वायु देव को खुश करो। तुम्हारी सारी मनोकामना पूर्ण होगी। माता अंजना वायु देव को प्रसन्न करने में पूरी तरह सफल रहीं। वायु देव ने उन्हें दर्शन देकर आशीर्वाद दिया कि उनका ही रूप उनके पुत्र के रूप में धरती पर अवतरित होगा। इस तरह मां अंजना ने हनुमान जी को जन्म दिया। इसी कारण हम हनुमान को पवनपुत्र, केसरीनंदन आदि नामों से बुलाते हैं।