गुड फ्राइडे ईसाई धर्म को मानने वालों का एक प्रमुख त्योहार है। गुड फ्राइडे को ईसा मसीह के बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ईसाई धर्म के अनुयायी चर्च जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं। हालांकि इस बार कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन है। गुड फ्राइडे पर होने वाले सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। ऐसे में लोग चर्च जाकर प्रार्थना सभा में शामिल नहीं हो पाएंगे लेकिन अपने घर में रहकर ही वह प्रभु यीशु को याद करेंगे और त्योहार मनाएंगे।
कब आता गुड फ्राइडे है?
जानकारी के लिए बता दें कि गुड फ्राइडे हर साल मार्च, अप्रैल या मई के महीने में मनाया जाता है। ऐसे में इस बार यह त्योहार 10 अप्रैल को है।
क्यों कहते हैं गुड फ्राइडे
ईसा मसीह ने मानवता की भलाई के लिए अपनी जान को दांव पर लगा दिया था, इस कारण इसे प्रेरणास्रोत के तौर पर ‘गुड फ्राइडे’ कहा जाता है। उनका आचरण धर्म और सच के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि जिस दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर लटकाया गया था उस दिन फ्राइडे यानी शुक्रवार था। तब से उस दिन को 'गुड फ्राइडे' कहा जाता है।
क्रॉस पर लटकाए जाने के तीन दिन बाद यानी रविवार को ईसा मसीह फिर से जीवित हो उठे थे। इसलिए इस दिन को 'ईस्टर संडे' भी कहा जाता है।इस दिन चर्च में लोग काले कपडे़ पहनकर जाते हैं और प्रार्थना करते हैं। ईसाई धर्म के अलावा अन्य धर्म के लोग भी इस दिन चर्च में जाकर प्रार्थना करते हैं और प्रभु यीशु से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।
ईसा मसीह को क्रॉस पर क्यों लटकाया गया
ईसाई धर्म के अनुसार, ईसा मसीह परमेश्वर के पुत्र थे। उन्हें मृत्यु दंड इसलिए दिया गया था क्योंकि वो अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए लोगों को शिक्षित और जागरुक कर रहे थे। उस वक्त यहूदियों के कट्टरपंथी रब्बियों यानी कि धर्मगुरुओं ने यीशु का पुरजोर विरोध किया। कट्टरपंथियों ने उस समय के रोमन गवर्नर पिलातुस से यीशु की शिकायत कर दी। रोमन हमेशा इस बात से डरते थे कि कहीं यहूदी क्रांति न कर दें।
ऐसे में कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए पिलातुस ने यीशु को क्रॉस पर लटकाकर जान से मारने का आदेश दे दिया। बता दें कि मारने से पहले यीशु को अत्याचारियों और पापियों ने मिलकर भयंकर यातनाएं दीं और उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। सूली पर चढ़ाने से पहले उन्हेंं कांटों का ताज पहनाया गया। इसके बाद यीशु को गोल गोथा नाम की जगह ले जाकर सलीब पर चढ़ा दिया गया। ऐसे में प्राण त्यागने से पहले यीशु ने कहा था, 'हे ईश्वर! इन्हे क्षमा करें, ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।’
वही, बाइबिल में बताया गया है कि ईसा मसीह को 6 घंटो तक सूली पर लटका छोड़ दिया गया था। लेकिन इस घटना के तीन दिन बाद ईसा मसीह जीवित हो गए थे। इसीलिए गुड फ्राइडे के तीन दिन बाद मसीही समाज के लोग ईस्टर संडे भी मनाते हैं। ऐसे में गुड फ्राइडे के दिन चर्च में कोई समारोह नहीं होता बल्कि केवल प्रार्थना सभाएं होती हैं।