इन दिनों सोशल मीडिया पर द कश्मीर फाइल्स (Kashmir Files) छाई हुई है। इस फिल्म में कश्मीरी हिंदुओं के पलायन (Exodus Of Kashmiri Hindus) और नरसंहार को दिखाया गया है। ऐसा नहीं है कि इससे पहले कभी कश्मीरी पंडितों के बारे में चर्चा नहीं हुई, होती है लेकिन यह पहली बार है जब किसी ने इस पृष्ठभूमि पर कोई फिल्म बनाई है। इस फिल्म की चर्चा सिर्फ देश में नहीं बल्कि विदेश में भी हो रही है। इसमें कश्मीरी हिंदुओं के पलायन और उनके ऊपर हुई बर्बरता की ऐसी दिल दहलाने वाली कहानी दिखाई गई है, जिसे देखकर आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे। इस फिल्म में एक कहानी गिरिजा टिक्कू की भी दिखाई गई है। फिल्म में एक कहानी गिरिजा टिक्कू (Story Of Girija Tickoo) की भी दिखाई गई है। जिसके बारे में 2019 में अमेरिका में कश्मीरी मूल की लेखिका सुनंदा वशिष्ठ ने भी जिक्र किया था। उनका एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
गिरिजा कुमारी टिक्कू की कहानी
यह कहानी गिरिजा कुमारी टिक्कू की है जिसे सुनकर आपको गुस्सा भी आएगा और आंखों में आंसू भी। ये बात 11 जून 1990 है, जब गिरिजा सैलरी लेने के लिए स्कूल गई थीं। वह स्कूल में एक लैब असिस्टेंट के तौर पर काम करती थीं। यह स्कूल बांदीपोरा जिले में था और सैलरी लेने के बाद वह उसी दिन उसी गांव में जहां स्कूल था अपनी एक सहकर्मी के घर उससे मिलने चली गई थी। इस दौरान उन पर आतंकियों की नजर थी जैसे ही वह उस घर में पहुंची वहां से उनका आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया। यह बात गांव वालों को पता चली, लेकिन आतंकियों के डर से कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा। आगे गिरिजा कुमारी के साथ क्या हुआ उसने बर्बरता की सारी हदें पार कर दीं। आतंकियों ने न केवल उनका अपहरण किया बल्कि उनके साथ सामूहिक बलात्कार भी किया। जब इससे उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने जिंदा आरा मशीन से गिरिजा को काट दिया। इससे आतंकी कश्मीरी हिंदुओं के बीच अपना डर बैठाना चाहते थे।
गिरिजा टिक्कू अपने पीछे अपनी मां, पति और दो छोटे बच्चों को छोड़ गईं थी। आज एक लंबा अरसा बीत जाने के बाद विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) की फिल्म में इस दर्द को बयां किया गया है। गिरिजा टिक्कू का परिवार फिलहाल अमेरिका में है। एक इंटरव्यू में विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि गिरिजा के परिवार में पिछले 32 सालों में इस बारे में किसी ने बात नहीं की थी लेकिन यह फिल्म देखकर गिरिजा टिक्कू का पूरा परिवार खुद को रोक नहीं पाया और खूब रोया। इस फिल्म को देखने के बाद गिरिजा की भतीजी ने एक पोस्ट शेयर किया और लिखा कि उनका परिवार अभी भी न्याय का इंतजार कर रहा है।
कश्मीरी पंडितों के साथ हिंसा का जिक्र
इस फिल्म के आने के बाद अमेरिका में कश्मीरी मूल की लेखिका सुनंदा वशिष्ठ का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। जिसमें वह प्रदेश से धारा 370 को समाप्त किए जाने का समर्थन करते हुए कह रही हैं कि "मेरे माता-पिता कश्मीरी पंडित हैं, मैं हिंदू कश्मीरी पंडित हूं। हम कश्मीर के उस पीड़ित समुदाय से आते हैं जिन्हें इस्लामिक कट्टरपंथ के कारण अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। हिंदू महिलाओं का गैंगरेप किया गया और उनके शव के टुकड़े कर फेंक दिया गया। खून से लथपथ, हिंसा से आक्रांत हम मजबूर और डरे हुए लोग थे जिन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा।"
सुनंदा ने आगे कहा कि "हमारे घर जलाए गए, बागों में आग लगाई गई। धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया गया। आतंकियों ने गिरिजा टिक्कू जैसी महिलाओं का गैंगरेप किया, उनके शव के टुकड़े-टुकड़े किए गए।" बता दें कि यह वीडियो सुनंदा वशिष्ठ का साल 2019 का है, जो अब वायरल हो रहा है।