G-20 in Srinagar:श्रीनगर में बीते दिन सोमवार को G-20 के ‘पर्यटन कार्य समूह’के तीन दिवसीय बैठक की शुरूआत शुरू हो गई है। इस बैठक में 17 देशों के 61 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बता दें कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से जम्मू-कश्मीर में होने वाला यह ऐसा पहला अंतर्राष्ट्रीय आयोजन है, जहां इतनी बड़ी संख्या विदेशी प्रतिनिधि शिरकत कर रहे हैं। हालांकि पड़ोसी देश होने के बावजूद पाकिस्तान और चीन इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं।
सभी विदेशी मेहमानों का श्रीनगर एयरपोर्ट पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी और जी20 के शेरपा अमिताभ कांत ने अगवानी की। पारंपरिक वेशभूषा में कश्मीरी युवतियों ने पगड़ी, तिलक और फूलों से उनका स्वागत किया। वहीं अधिकारियों ने कहा कि शहर भर में नाके बनाए गए हैं जहां वाहनों को रोककर उनकी तलाशी ली गई। घुसपैठ की आशंका के बाद सीमावर्ती जिलों पर विशेष ध्यान देने के साथ पुंछ, कठुआ, राजौरी और सांबा जिलों में सुरक्षा बढ़ाई गई।
इस मौके पर भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि फिल्मों की शूटिंग के लिए कश्मीर बेहतरीन जगह है। उन्होंने कश्मीर में फिल्माई गई ‘कश्मीर की कली’, ‘जब जब फूल खिले’ और ‘बॉबी’ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर सिर्फ घूमने-फिरने की जगह नहीं है बल्कि एक अनूठा अनुभव है।
डेलिगेट्स संग नाटू नाटू’ पर थिरके ऐक्टर राम चरण
फिल्म अभिनेता और निर्माता के. रामचरण तेजा ने टूरिजम से जुड़ी इस बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में कुछ जादू है। मैं 1986 से यहां कई बार आ चुका हूं। मेरे पिता फिल्मों की शूटिंग के लिए गुलमर्ग और सोनमर्ग आया करते थे। मैं खुद शूटिंग के लिए 2016 में यहां आया था। इसके बाद उन्होंने डेलिगेट्स के साथ अपनी फिल्म RRR के मशहूर गाने 'नाटू-नाटू' पर डांस किया। उन्होंने कहा, ‘हम कश्मीर से प्यार करते हैं। यह कितनी खूबसूरत जगह है। जी20 बैठक के लिए यह सबसे अच्छी जगह चुनी गई है।
इस बीच बैठक की देखरेख में जुटे केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने विदेशी प्रतिनिधियों से कहा कि जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक जम्मू-कश्मीर के लिए ‘बदलाव और नए जन्म का अवसर’है। वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से कहा कि कश्मीर में बदलाव आया है और अब यहां हड़ताल का आह्वान सुनने वाला कोई नहीं है। सिंह ने कहा, ‘अगर इस तरह का आयोजन पहले किया जाता था, तो इस्लामाबाद से हड़ताल का आह्वान होते ही श्रीनगर के रेजीडेंसी रोड (शहर के केंद्र में) की दुकानें बंद हो जाती थीं। अब यहां कोई हड़ताल नहीं होती है, भले ही इधर से हड़ताल का आह्वान किया जाए या उधर से।’
जी-20 देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह बदलाव हुआ है. श्रीनगर के आम लोग अब आगे बढ़ना चाहते हैं. उन्होंने दो पीढ़ियों को (आतंकवाद के कारण) खो दिया है।’ सिंह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग का प्रभार भी संभाल रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा जी-20 मौका है जब जम्मू-कश्मीर अपनी खूबसूरती पूरी दुनिया के सामने दिखा पाएगी और यहां आए प्रतिनीधि ‘स्वयंभू टीकाकारों’ द्वारा अंतरराष्ट्रीय मीडिया में पेश की गई तस्वीर से इसकी तुलना कर सकेंगे। केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि जब प्रतिनिधि घाटी से लौटेंगे, तो वे यहां के सकारात्मक माहौल को सबसे साझा करेंगे. उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि जब हमारे दोस्त वापस जाएंगे, तो वे हमारे राजदूत होंगे… क्योंकि वे लोग दुनिया को यहां की स्थिति और यह कैसा दिखता है, इस बारे में बताएंगे।’