इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने सोमवार को कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को पत्र लिखा है। इस चिठ्ठी में उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि यदि भारत सरकार तीन काले कानूनों को 26 जनवरी 2021 तक वापिस नहीं लेती तो उनके इस पत्र को विधानसभा से त्याग पत्र समझा जाए।
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को लिखे पत्र में अभय सिंह चौटाला ने कहा कि चौधरी देवी लाल जी ने हमेशा किसानों के लिए संघर्ष किया, आज वही परिस्थितियां देश-प्रदेश में फिर से खड़ी हो गई हैं। किसानों पर आए इस संकट की घड़ी में उनका यह दायित्व बनता है कि वो हर संभव प्रयास करें कि किसानों के भविष्य और अस्तित्व पर आए खतरे को टाला जा सके।
उन्होंने लिखा कि केंद्र की सरकार ने असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक तरीके से तीन काले कृषि कानून किसानों पर थोंप दिए हैं जिसका विरोध देशभर में हो रहा है। इन कृषि कानूनों का विरोध और आंदोलन को अब तक 47 से अधिक दिन हो गए हैं और कड़ाके की ठण्ड में लाखों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं। अब तक भीषण ठण्ड के कारण साठ से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। केंद्र की सरकार किसान संगठनों से आठ दौर की वार्ता कर चुके हैं लेकिन अभी तक सरकार ने इन काले कानूनों को वापिस लेने बारे कोई सहमति नहीं दिखाई है।
पत्र में इनेलो नेता ने आगे कहा कि सरकार ने जिस तरह की परिस्थितियां बनाई हैं उन्हें देखते हुए ऐसा नहीं लगता है कि विधानसभा के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में मैं कोई ऐसी भूमिका निभा सकता हूं जिससे किसानों के हितों की रक्षा की जा सके। अत: एक संवेदनहीन विधानसभा में मेरी मौजदूगी कोई महत्व नहीं रखती। इन सभी हालातों को देखते हुए यदि भारत सरकार इन तीन काले कानूनों को 26 जनवरी, 2021 तक वापिस नहीं लेती तो इस पत्र को विधानसभा से मेरा त्याग पत्र समझा जाए।