हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मानेसर भूमि घोटाले और मनी लॉंड्रिंग मामले में ईडी ने बुधवार को पूछताछ की। हुड्डा सुबह चंडीगढ़ स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे और दोपहर लगभग दो बजे पिछले दरवाजे से निकल गए। जांच अधिकारियों ने सवाल-जवाब किए और मनी लॉंड्रिंग मामले में बयानों को दर्ज किया।
ईडी के अधिकारियों के अनुसार हुड्डा को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उनका बयान मनी लांड्रिंग मामले में रिकॉर्ड किया गया है। जांच एजेंसी अनेक भूमि घोटालों और मनी लांड्रिंग से जुड़े मामलों में हुड्डा की भूमिका की जांच कर रही है। इनमें मानेसर जमीन घोटाला और एजेएल मामला प्रमुख रूप से शामिल है। इन मामलों में हुड्डा से जांच एजेंसी पहले भी इसी साल लंबी पूछताछ कर चुकी है।
27 अगस्त, 2004 को पूर्व इनेलो सरकार ने गुरुग्राम के मानेसर, लखनौला और नौरंगपुर की 912 एकड़ जमीन आईएमटी बनाने के लिए सेक्शन-4 का नोटिस जारी किया था। इसके बाद कांग्रेस सत्ता में आई और तत्कालीन सीएम हुड्डा ने आईएमटी रद्द कर 25 अगस्त 2005 को सार्वजनिक कामों के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए सेक्शन-6 का नोटिस जारी कराया।
इसका मुआवजा 25 लाख रुपये प्रति एकड़ तय हुआ। अवॉर्ड के लिए सेक्शन-9 का नोटिस भी जारी हुआ पर इससे पहले बिल्डर्स ने किसानों को अधिग्रहण का डर दिखाकर 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली। 2007 में बिल्डर्स की 400 एकड़ जमीन अधिग्रहण से मुक्त कर दी गई, जिससे किसानों को करीब 1500 करोड़ का नुकसान होने का आरोप है। ईडी ने इस मामले में मनी लांड्रिंग की आशंका जताई है और जांच जारी है।