जैसा की आप जानते है यमुना के विक्राल रूप के कारण दिल्ली-हरियाणा समेत कई राज्यों में सड़कें तालाब बन चुकी है तो वही घरों में लबालब पानी भर गया है जिसके चलते आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में चारों तरफ पानी भरे होने के कारण कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
आपको बता दें कि बाढ़ से ना सिर्फ लोगों की जान डूबने से जाती है बल्कि इस दौरान कई बीमारियों से भी लोगों की जान जा सकती है। जी हां, आज हम आपको ऐसी ही कुछ बीमारियों के बारे में बताने जा रहे है जो बाढ़ के कारण आपको हो सकती है। तो आइए जानते है...
- डेंगू
बारिश के बाद जमा हुए पानी में मच्छर ब्रीडिंग करते हैं, जिससे डेंगू का खतरा कई गुना तक बढ़ सकता है। आपको बता दें कि डेंगू एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू होने पर आपको बुखार, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और सर्दी जैसे लक्षण होते हैं।
- टाइफाइड
दूषित पानी से टाइफाइड बुखार का खतरा बना रहता है। अगर सैनिटेशन खराब हो तो बाढ़ के दौरान टाइफाइड का प्रकोप अधिक होने की संभावना हो सकती है। टाइफाइड होने पर आपको बुखार, थकावट, सिरदर्द, मतली, पेट में दर्द और दस्त जैसे लक्षण होते हैं।
- हाइपोथर्मिया
कई घंटों तक बाढ़ के पानी में रहने से हाइपोथर्मिया की शिकायत भी हो सकती है। पानी में रहने की वजह से शरीर का तापमान सामन्य से नीचे चला जाता है। शरीर का तापमान सामान्य यानी 35 डिग्री से नीचे चला जाता है। ये स्थिति बहुत घातक हो सकती है इसके चलते जान भी जा सकती है।
- मलेरिया
बाढ़ के कारण पानी में मच्छर पैदा होने से मलेरिया का भी खतरा बना रहता है। बता दें कि प्लाज्मोडियम परजीवी घातक संक्रामक बीमारी है जो मलेरिया का कारण बनती है। मलेरिया होने पर आपको बुखार, थकावट, मतली और सिरदर्द की समस्या हो सकती है।