पेंशन स्कीम EPS 95 के जरिए मिनिमम पेंशन स्कीम की मांग लंबे वक्त से उठाई जा रही है जिस पर अभी फैसला होना बाकी है। हालांकि EPFO अपने सब्सक्राइबर्स को बड़ी राहत देने का फैसला कर रही है। EPFO एक फैसला लेने जा रही है। जिससे EPS 95 पेंशन स्कीम के लाखों सब्सक्राइबर्स को बड़ी राहत मिल सकती है। EPFO के पास अभी तक जिसका कोई दावा नहीं किया गया। वह जमा राशि लगभग 58,000 हजार करोड़ रुपये है। जमा राशि का कुछ हिस्सा EPS 95 पेंशन स्कीम के तहत ट्रांसफर करने को लेकर शनिवार को EPFO की बोर्ड बैठक में फैसला लिया जाएगा। बिना दावे की राशि के हिस्से को ट्रांसफर कर EPS 95 पेंशन स्कीम धारकों को ज्यादा पेंशन देने का मकसद है।
भारत सरकार के 2015 के दिशानिर्देश के तहत बिना दावे की जमा राशि को अब सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड में ट्रांसफर किया जा सकता है। EPFO बोर्ड ने सीनियर सीटिजन वेलफेयर फंड में 2015 और 2017 में इसे ट्रांसफर करने पर विरोध हुआ था इसलिए ये मुमकिन नहीं हो पाया। इस बार बिना दावा की राशि को EPS 95 पेंशन धारकों को ज्यादा पेंशन देने के लिए बोर्ड मेंबर्स में आपस में सहमति बन चुकी है और ट्रांसफर राशि का फैसला शनिवार की बोर्ड बैठक में लिया जाएगा।
अभी के समय में EPS 95 खाते में योगदान सैलरी का 8.33 प्रतिशत होता है। और पेंशन योग्य सैलरी अधिकतम 15 हजार रुपए ही माना जाता है। इसी के हिसाब से पेंशन का अधिकतम हिस्सा 1250 प्रति महीना होता है। इसके तहत मिनिमम पेंशन 1000 और अधिकतम 7,500 रुपये की दी जाती है। बोर्ड बैठक में 15 हजार रुपये की लिमिट को बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। अगर लिमिट में बढ़ोतरी होती है तो मिनिमम पेंशन का हिस्सा भी बढ़ जाएगा। जिससे पेंशन धारकों को अधिक लाभ मिलेगा।
EPFO की वित्त वर्ष 2022 के लिए शनिवार को होने वाली बोर्ड की बैठक में ब्याज दर का भी फैसला लिया जाएगा। जानकारी के अनुसार FY22 में भी सभी सब्सक्राइबर्स को 8.5 प्रतिशत ब्याज दर ही देने का फैसला लिया जा सकता है क्योंकि EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज के सभी मेंबर्स 8.5 प्रतिशत ब्याज दर के पक्ष में है। मौजूदा साल में पूंजी की स्थिति ठीक है और इक्विटी निवेश में भी अच्छी कमाई हुई है।