भारत में बढ़ते कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामलों को देखते हुए देश के अलग-अलग जिलों में स्थिति के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 3 मई के बाद इन्हें अलग-अलग जोन में बांटने का काम किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश सभी जिलों को तीन कैटेगरी में बांट दिया है- रेड जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन।
स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा जारी नियमों के अनुसार, जिन जिलों में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और नए मरीज सामने आ रहे हैं, उस जिले को रेड जोन में रखा गया है। वहीं, जिन जिलों में बीते 21 दिनों में एक भी नया मामला सामने नहीं आया है, उसे ग्रीन जोन में रखा गया है। केंद्र सरकार ने रेड जोन से ग्रीन जोन में जिलों को रखने के मानक बदले हैं। अब 28 दिन की बजाय 21 दिन तक कोरोना का नया केस नहीं आने पर किसी जिले को रेड जोन से ग्रीन जोन में रखा जा सकेगा।
मौजूदा नियमों के तहत 14 दिनों तक नया केस नहीं आने पर जिले को रेड से आरेंज और फिर अगले 14 दिनों तक केस नहीं आने पर ग्रीन जोन जिलों में रखा जाता था। लेकिन अब यह अवधि 21 दिन रह जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदन ने मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर यह सूचित किया है। उन्होंने कहा कि डबलिंग अवधि बढ़ने और रिकवरी रेट बेहतर होने के चलते यह निर्णय लिया गया है।
गुरुवार को कैबिनेट सचिव ने कोरोना की स्थिति की समीक्षा की थी। देश में अभी 130 जिले रेड जोन में, 284 आरेंज और 319 ग्रीन जोन में हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अभी देश के मेट्रो शहर रेड जोन में ही रहेंगे क्योंकि यहां पर कोरोना वायरस फैलने का खतरा अधिक है। इसके मुताबिक, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु और अहमदाबाद को रेड जोन में ही रखा गया है।
ऐसे में महाराष्ट्र के 14, दिल्ली के 11, तमिलनाडु के 12, उत्तर प्रदेश के 19, बंगाल के 10, गुजरात के 9, मध्य प्रदेश के 9, राजस्थान के 8 जिले रेड जोन में शामिल हैं।
आपको बता दें कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 35 हजार पार हो चुकी है। वहीं, इससे अब तक 1147 लोगों की मौत हो चुकी है।