पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने अपनी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला (Vijay Singla) को उनके पद से हटा दिया है। उनके ऊपर भ्रष्टाचार (Corruption) के आरोप लगे थे, जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है। पंजाब सीएमओ (Punjab CMO) ने बताया है कि विजय सिंगला के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप थे और इस संबंध में सबूत भी मिले थे। पंजाब के सीएमओ ने इस पर कहा कि, 'उन पर आरोप है कि उन्होंने ठेकों के एवज में अधिकारियों से एक परसेंट कमीशन की मांगा था। विजय सिंगला के खिलाफ ठोस सबूत भी मिले हैं।' मंत्री पद से हटने के साथ ही उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने निर्णय को लेकर कहा कि ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया है ताकि सरकार को भ्रष्टाचार से मुक्त किया जा सके। पुलिस को सिंगला के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का भी आदेश दिया गया है। भगवंत मान ने एक वीडियो मैसेज में कहा, 'मैं मंत्री के खिलाफ कड़ा निर्णय ले रहा हूं। उन्हें अपनी कैबिनेट से बाहर कर रहा हूं। उनके भ्रष्टाचार के मामले में शामिल होने के हमारे पास पूरे सबूत हैं। मुझे इस बात की कोई परवाह नहीं है कि विपक्षी दल मुझ पर इसको लेकर हमला करेंगे और कहेंगे कि सरकार गठन के दो महीने के अंदर ही मंत्री को पद से हटा दिया गया। बात यह है कि हम किसी भी हाल में यह नहीं सह सकते कि कोई भ्रष्टाचार करे। हमारे राष्ट्रीय संयोजक (Arvind Kejriwal) ने साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा। 2015 में उन्होंने खुद दिल्ली (Delhi) में एक मंत्री को इसी तरह हटा दिया था, जब उस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।'
सिंगला ने गलती मानी- मान
भगवंत मान ने वीडियो के साथ आगे लिखा कि, 'आम आदमी पार्टी (AAP) का जन्म सिर्फ ईमानदार सिस्टम कायम करने के लिए हुआ है। अरविंद केजरीवाल ने हमेशा यह कहा है कि भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे चाहे फिर कोई अपना हो या बेगाना। स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत मिलते ही उन्हें तुरंत बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही उन पर FIR के आदेश दिए गए हैं।' भगवंत मान ने यह दावा किया है कि खुद विजय सिंगला ने अपनी गलती को मान लिया है। गौरतलब है कि पंजाब मानसा से सिंगला को जीत मिली थी और यह 30 सालों में ऐसा पहला मौका था, जब इस सीट से जीतने वाले विधायक को मंत्री पद दिया गया था। लेकिन सरकार गठन के महज दो महीने के अंदर ही उन्हें पद से आरोपों के चलते हटना पड़ा है। इतना ही नहीं उन्हें विधानसभा चुनाव में भी सबसे बड़ी जीत हासिल की थी।