मुंबई की एक विशेष अदालत ने राजेंद्र सदाशिव निकलजे उर्फ छोटा राजन को 38 साल पुराने हत्या के प्रयास के मामले में बरी कर दिया है। यह मामला छोटा राजन के खिलाफ सबसे पुराने मामलों में से एक है। इस केस में उस पर दो पुलिसकर्मियों पर हमला करने आरोप था।
इस मामले में साल की शुरुआत में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस पर एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी, जिसमें यह कहा गया था कि पिछले कुछ वर्षों में इस मामले के मुख्य गवाहों का निधन हो चुका है। वहीं, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और लेख खो गए है, इसमें छोटा राजन ने 1983 में जिन हथियारों को इस्तेमाल किया था वे भी शामिल थे। हालांकि, उस वक्त विशेष सीबीआई अदालत (Special CBI Court) ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि छोटा राजन के खिलाफ उपलब्ध सामग्री मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त है।
बता दें कि अक्टूबर साल 2015 में इंडोनेशिया से भारत भेजे जाने के बाद छोटा राजन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। छोटे राजन के खिलाफ करीब 70 मामलों पर मुकदमे चल रहे हैं। फिलहाल वह 2011 में पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।