ऊना जिले के हरोली विस (Haroli Vis) क्षेत्र में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क (Bulk Drug Park) में देश के बड़े औद्योगिक घरानों ने निवेश के लिए इच्छा जाहिर की है। हिमाचल (Himachal) फार्मा सेक्टर में पहले से ही बड़ी मार्केट है। बल्क ड्रग पार्क में निवेश करना बड़े घरानों की प्राथमिकता रही है। इसके बाद हरोली के दूसरे फार्मा हब में आने की उम्मीद जताई जा रही है। बता दें कि बल्क ड्रग पार्क एपीआई (API) जरूरतों को (जो दवाओं में कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होती है) पूरा करने के साथ-साथ क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों को भी बदल देगा। इससे राज्य सरकार और स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर काफी फायदा होगा। उद्योग विभाग (Industry department) का यह लक्ष्य है कि बल्क ड्रग पार्क की डीपीआर 30 दिनों में जमा करवाई जाए। विभागीय अधिकारी बल्क ड्रग पार्क की सैद्धांतिक मंजूरी आने के बाद से ही प्लानिंग के साथ दिन-रात एस्टीमेट बनाने में जुटे हुए है।
गौरतलब है कि बुनियादी ढांचा बनाने में करीब 1200 करोड़ की लागत लगेगी। वहीं, इसमें 50,000 करोड़ तक परियोजना में निवेश आने की उम्मीद है इसके साथ ही 20,000 से ज्यादा रोजगार भी प्राप्त होंगे। बल्क ड्रग पार्क के लिए बुनियादी ढांचे में हरोली विधानसभा क्षेत्र के पोलियां , जोड़ियां, कुठार बीत में करीब 14000 कनाल भूमि चिन्हित की गई है। इसकी ज्यादातर भूमि पर जंगल है लेकिन कुछ पर आबादी भी है जिनमें टिब्बियां, जननी और पजोंया शामिल है। उद्योग विभाग की प्लानिंग में मुख्य तौर पर भूमि के सीवरेज, पेयजल सप्लाई, औधोगिक प्लाट बनाना, सीईटीपी प्रदूषण संबंधित, ट्रक पार्किंग, वेयर हाउस, ठोस कचरा प्रबंधन, कॉमन फैसिलिटी सेंटर और हाउसिंग सेक्टर शामिल हैं। उद्योग विभाग इसके सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए एक एस्टीमेट तैयार कर रहा है। इसकी चिह्नित भूमि पंजाब से सटी हुई है जिसके कारण इसका सीधा लाभ पड़ोसी राज्य को नहीं होगा, परंतु अप्रत्यक्ष तौर पर वहां इसका काफी असर देखा जाएगा। हिमाचल को प्रत्यक्ष तौर पर सभी प्रकार के टैक्स, बिजली खपत समेत अन्य चीजों का लाभ होगा। बल्क ड्रग पार्क के लिए इलाके की सड़कों को और अन्य कनेक्टिविटी को मजबूत बनाया जाएगा।
हिमाचल में बल्क ड्रग पार्क लगना एक सोगात ही है। एनओसी के दौरान 20 प्रतिशत हिमाचल और 10 प्रतिशत पंचायत के युवाओं को रोजगार की शर्त रखी जाएगी। बल्क ड्रग पार्क से दवाओं के दाम में कमी आएगी और कई तरह के बदलाव भी देखने को मिलेंगे। एपीआई से करिबन 50 यूनिट और 25 से 30 एलाइड यूनिट भी स्थापित होंगी। एलाइड यूनिट का कार्य सप्लाई, पैकेजिंग समेत अन्य चीजों का उत्पादन करना होगा। बल्क ड्रग पार्क एक बड़े औद्योगिक हब के रूप में उभरकर सामने आएगा। यहां अनेक प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यहां एक नया टाउनशिप तैयार होगा जिससे हर छोटे से बड़ा कारोबार जुड़ेगा। इसका असर आगे देखने को मिलेगा।