हरियाणा स्टेट साइंस और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव अशोक खेमका ने कैट के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी हैं। जिसके तहत उसे केंद्र में अतिरिक्त सचिव बनाने से कैट ने इनकार कर दिया था। याचिका दाखिल करते हुए खेमका ने कहा कि उन्होंने केंद्र में सेवाएं देनी हैं ऐसे में उसे केंद्र में अतिरिक्त सचिव पद पर नियुक्ति दी जाए।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने कई बार केंद्र में अतिरिक्त सचिव बनाए जाने के लिए आवेदन किया लेकिन बार-बार उसका आवेदन रद कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने तीन अन्य ऐसे अफसरों के नाम दिए जिन्होंने आवेदन भी नहीं किया था फिर भी उन्हें केंद्र में अतिरिक्त सचिव बना दिया गया। कैट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र का कैडर एब्स कैडर हैं। यहां पर नियुक्ति के लिए कोई दावा नहीं कर सकता हैं। यह अक्सर देखा जाता हैं कि केंद्र की इंपैनलमेंट के लिए आवेदन किया जाता हैं लेकिन दावा करने के स्थान पर याचिकाकर्ता को इसके लिए अपनी सेवाओं के स्तर पर और अधिक बेहतर कार्य करना चाहिए। एक्स कैडर में नियुक्ति के लिए न्यूनतम 3 वर्ष का डिप्टी सेक्रेटरी पद का अनुभव अनिवार्य हैं।
कैट द्वारा याचिका खारिज किए जाने को याचिकाकर्ता ने गलत करार देते हुए कैट के आदेश को रद करने की हाईकोर्ट से अपील की है। यात्रा करता ने कहा कि यदि अभी उसे केंद्र में इंपैनलमेंट नहीं मिलती हैं तो वह जीवन भर केंद्र में अपनी सेवाएं देने के लिए अयोग्य हो जाएगा। हाईकोर्ट ने याचिका पर 31 जुलाई को सुनवाई करने का निर्णय लिया हैं।