हिमाचल: ननखड़ी के खुन्नी पनोली से सेब बेचने आई पिंका नेगी और उनकी बहन कल्पना ने कहा कि बागवान को मंडियों में फसल के सही रेट के लिए गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। सरकार कुछ नहीं कर रही। दवाइयों पर सब्सिडी खत्म कर दी है। कार्टन के रेट बढ़ा दिए। बगीचे काट कर कोई और खेती करने का मन करता है। पहले प्रकृति ने ओलों की मार मारी अब मंडियों में खरीदार मनमानी करते हैं। बागवानों से ज्यादा लेबर कमा रही है, हम चौकीदार बन गए हैं। पिंका ने बताया कि उनके पति नहीं हैं, बेटा नौकरी करता है, इसलिए खुद सेब बेचने आना पड़ा। क्वालिटी के हिसाब से उनका सेब को 2000 रेट मिल सकता था, 700 तो पेटी पर खर्चा आ जाता है। सरकार हमारी नहीं सुनती। कंपनियों ने 72 रुपये रेट खोले हैं। उनको बढ़िया माल ही चाहिए। हल्का माल वापिस कर देते हैं।
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की मतियाना फल मंडी में सेब बेचने पहुंचीं महिलाओं के सेब का रेट जब 1450 रुपये लगाया गया तो उन्होंने खरीदार को दो टूक कह दिया, हमें बच्चे भी पालने हैं सही रेट दो, सेब की क्वालिटी देखो, कोई रस्टिंग नहीं है।
वहीं, खरीदार ने बताया कि पिछले साल भी रेट गिरे थे। माल की क्वालिटी सही नहीं आ रही। 2500 भी माल खरीदा था लाखों का नुकसान हुआ। महंगे डीजल और मनमानी कमीशन से बचाने के लिए सरकार को सोचना चाहिए। जो माल लेकर भागते हैं वो व्यापारी नहीं चोर हैं।