कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने भारत और मालदीव के बीच चल रहे विवाद के बाद दोनो देशों के खराब होते द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। प्रेस को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि 2014 के बाद से ही PM मोदी सत्ता में आए हैं तब से वह हर बात को व्यक्तिगत तौर पर लेते हैं।
उन्होंने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि अंतराष्ट्रीय तौर पर हमें अपने संबधो को समय की मांग के हिसाब से बेहतर रखना चाहिए। हम पड़ोसी देशों को बदल नहीं सकते हैं, दोनों देशों को मिलकर द्विपक्षीय रिश्तो को मजबूत करना चाहिए।
वहीं एनसीपी प्रमुख शराद पवार ने भारत और मालदीव विवाद को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के राजनेता को दूसरे राष्ट्र के प्रधानमंत्री की गरिमा का ख्याल रखकर ही टिप्पणी करनी चाहिए।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद भारतीयों को निशाना बनाते हुए मालदीव के राजनेता और प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के एक परिषद सदस्य जाहिद रमीज की नस्लवादी टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है और मालदीव राष्ट्र संभावित पर्यटकों द्वारा यात्रा रद्द करने की संख्या में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है।
मालदीव के राजनेता जाहिद रमीज़, पीएम मोदी द्वारा हाल ही में लक्षद्वीप की यात्रा की तस्वीरें साझा करने के बाद एक्स पर कुछ उपयोगकर्ताओं द्वारा दिए गए बयानों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। जिसमे उन्होंने कहा कि ‘’चाल बढ़िया है.... हालाँकि, हमसे प्रतिस्पर्धा करने का विचार भ्रामक है। वे हमारे द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा कैसे प्रदान कर सकते हैं? वे इतने साफ़ कैसे हो सकते हैं? कमरों में स्थायी बदबू से कैसे पार पा सकते हो।
जिसके बाद मालदीव की सरकार ने जानकारी देतें हुए बताया था की तीनों मंत्रियो पर कार्रवाई करते हुए निलंबित किया है, साथ ही कहा कि यह तीनों का निजी पक्ष है, सरकार का इससे की लेना देना नहीं है।
वहीं सोमवार को भारत में मालदीव के उच्चायुक्त को सोमवार को विदेश मंत्रालय द्वारा तलब किया गया और राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार के कई मंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राजदूत को तलब किया गया।
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि मालदीव के उच्चायुक्त इब्राहिम शाहीब को बताया गया कि चूंकि मालदीव ने द्विपक्षीय संबंध खराब कर दिए हैं, इसलिए इसे सुधारने की जिम्मेदारी राष्ट्रपति मुइज्जू पर है। दूत पर यह भी दबाव डाला गया कि तीन कनिष्ठ मंत्रियों को बर्खास्त किया जाना चाहिए, न कि केवल निलंबित किया जाना चाहिए।