अफगानिस्तान में कब्जे के बाद पिछले काफी समय से तालिबान में सुप्रीम लीडर को लेकर चल रही अटकलों पर अब विराम लग गया है। तालिबान ने सुप्रीम लीडर हैबतुल्लाह अखुंदजादा की मौत की पुष्टि कर दी है। इस पर तालिबान के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि ‘2016 से तालिबान का मुखिया रहा हैबतुल्लाह अखुंदजादा की 2020 में पाकिस्तान में एक आत्मघाती हमले में मौत हो गई थी।
दरअसल, जब अगस्त महीने में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जे जमाया था, तब ही से अखुंदजादा को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन तालिबान की ओर से एक ही जवाब आ रहा था कि अखुंदजादा जिंदा है और जल्द ही सबके सामने आएगा। वास्तविकता तो ये है कि अखुंदजादा आज तक कभी भी लोगों के सामने नहीं आया और न ही उसे किसने देखा है। वह पर्दे के पीछे रहकर ही सब कुछ ऑपरेट करता रहा। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार इंटरनेट पर अखुंदजादा की जो तस्वीर है, वह भी सालों पुरानी है।
2016 में अखुंदजादा को तालिबान का चीफ बनाया गया था
बता दें कि अमेरिका ने 2016 में एक ड्रोन हमले में तालिबान के प्रमुख अख्तर मंसूर को मार दिया था। इसके बाद ही अखुंदजादा को मंसूर का उत्तराधिकारी बनाने का ऐलान किया गया था। उस वक्त अखुंदजादा कंधार के कट्टर धार्मिक नेताओं में से एक था। कहा जाता है कि इस्लामी सजा की शुरुआत अखुंदजादा ने इस्लामी ही की थी, जिसके तहत हत्या और चोरी करने वालों को मौत की सजा देता था।