महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu Kashmir police) ने बड़ा कदम उठाया है। ताकि घाटी में महिलाएं खुद को महफूज समझें और पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास और अधिक अच्छा हो सके। पुलिस ने इसकी शुरूआत श्रीनगर से हुई है। आगे चलकर इसको और बढ़ाया भी जाएगा।
फिलहाल जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu Kashmir police) ने श्रीनगर (Srinagar) में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मद्देनजर दो महिला सुरक्षा (Women safety) दस्तों का गठन किया गया है। डीआईजी (DIG) मध्य कश्मीर सुजीत कुमार ने इन दस्तों की पहली गश्त को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने इस पहल के लिए जिला पुलिस श्रीनगर (Police Srinagar) की सराहना की और कहा कि इससे महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी आएगी और हाल ही में हुए एसिड हमले जैसे अपराधों को रोका जा सकेगा।
डीआईजी मध्य कश्मीर सुजीत कुमार ने बताया कि ये दस्ते श्रीनगर में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर के आसपास गश्त करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ऐसे स्थानों पर भी नजर रखेंगे जहां महिलाओं के लिए खतरे की आशंका हो सकती है। उन्होंने बताया कि ये दस्ते शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधन से भी संपर्क बनाए रखेंगे ताकि किसी भी आपात स्थिति में तत्काल कार्रवाई की जा सके। हर दस्ते में पांच महिला पुलिसकर्मी या अधिकारी शामिल रहेंगी।
इसके अलावा श्रीनगर पुलिस द्वारा एक समर्पित महिला हेल्पलाइन नंबर 9596770601 की शुरुआत भी की गई। यह नंबर महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों के लिए पहले से ही सातों दिन 24 घंटे चालू है।
डीआईजी ने बताया कि यह दोनों दस्ते पुलिस नियंत्रण कक्ष की वैन, संबंधित क्षेत्र के थानों और महिला थाना रामबाग के साथ मिलकर काम करेगा। महिला पुलिस स्टेशन के साथ लगातार संपर्क-समन्वय में रहते हुए काम करेंगे।
वहीं श्रीनगर के एसएसपी पहले ही यह आश्वासन दे चुके हैं कि महिलाओं के खिलाफ अपराध बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में निवारक और सुधारात्मक दोनों उपायों को सख्ती से लागू किया जाएगा।
गौरतलब हो कि कुछ दिन पहले ही मोमिनाबाद बटमालू में घर में घुसकर दो महिलाओं पर हमला करने का मामला सामने आया है। जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि दूसरा भाग निकला था। उसे भी बाद में लोगों की मदद से पकड़ लिया गया था। गिरफ्तार आरोपियों की शिनाख्त फिरदौसाबाद बटमालू निवासी उमर युसूफ वानी और बेमिना की डल कॉलोनी निवासी हबील यासीन के रूप में हुई थी।
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