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क्या विनेश को मिल पायगा सिल्वर मेडल, जानिए CAS ने क्या बताया

क्या विनेश को मिल पायगा सिल्वर मेडल, जानिए CAS ने क्या बताया

 

Vinesh Phogat, CAS Full Verdict: पेरिस ओलंपिक में 100 ग्राम बजन ज्यादा होने पर डिस्कवालिफाई हुईं हरियाणा की पहलवान विनेश फोगाट के केस में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने 24 पेज की ऑर्डर कॉपी जारी की है। इसमें बताया है की किसी भी खिलाड़ी का वजन कम - ज्यादा होने का कारण और जिम्मेदार खुद खिलाड़ी ही है। नियमों से ऊपर कुछ नहीं हो सकता।

विनेश फोगाट ने मामूली बढ़त को शामिल करने की दलील दी थी। उन्होंने कहा था कि वजन इसलिए बढ़ा, क्योंकि मासिक धर्म (पीरियड्स) के कारण पानी की रिटेंशन हुई और ज्यादा पानी का इनटेक हुआ। विनेश की तरफ से जॉइंट मेडल की मांग की गई। कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया और स्पष्ट कर दिया कि नियमों में कोई भी ढील नहीं दी जा सकती।​​​
 

नियमों को पॉइंट के जरिए समझें...

1. विनेश का कहना है कि 100 ग्राम वजन एक छोडी सी अधीकता है। इसे मासिक धर्म, वॉटर रेटेन्सन, हाइड्रेट की जरुरत और एथलीट विलेट तक की यात्रा के समय के कारण समय नहीं मिल पाना, आदि कारणो को समजझा जा सकता है।

2. एथलिट्स के लिए समस्या यह है कि वजन को लेकर नियम साफ हैं और सभी के लिए समान हैं। इसमें कितना ज्यादा है, यह देखने के लिए कोई सहनसीलता प्रदान नहीं की गई हैं। 

3. फाइनल से पहले जो वजन माप किया गया था, वो नियम के सिलाफ था तो आवेदक को सिर्फ फाइनल के लिए अयोग्य माना जाना चाहिए। यानी उन्हें सिल्वर दिया जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से आवेदक के लिए नियमों में यह भी सुविधा प्रदान नहीं की गई है।

4. एथलीट ने यह भी मांग की है कि वजन के नियमों में दी गई लिमिट को उस दिन की उसकी व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार बदला जाए और उस लिमिट पर सहनशीलता लागू की जाए। यानी 100 ग्राम वजन को ज्यादा न समझा जाए और 50 किग्रा वेट कैटेगरी में खेलने की अनुमति दी जाए। लेकिन नियमों को देखा जाए तो उसमें ऐसी कोई छुट देने की प्रावधान नहीं है। 

5. एथलीट ने पहले दिन वजन माप में सफलता पाई थी। यानी वजन नियम के अनुसार था। उन्हें दूसरे दिन यानी फाइनल से पहले भी वजन माप में सफल होना था। नियमों के अनुच्छेद 11 के लागू होने के कारण वह टूनामेंट से बाहर हो गईं और बिना किसी रैंक के आखिरी स्थान पर आ गईं। इसने उनसे सिल्वर मेडल भी छीन लिया, जो उन्होंने सेमीफाइनल जीतने के साथ ही पक्का कर लिया था। इस पर उनकी दलील है कि वो सिल्वर मेडल के लिए योग्य और पात्र बनी रहीं और 6 अगस्त को उनका जो सफल वजन माप हुआ था उसे दूसरे दिन भी लागू किया जाए।
 

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