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15 अगस्त पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग ? जानें इसके पीछे की सालों पुरानी कहानी

15 अगस्त पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग ? जानें इसके पीछे की सालों पुरानी कहानी

 

Kites Fly On Independence Day: भारत इस बार अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। इस दिन देशभर में जगह- जगह देशभक्ति से जुड़े विशेष प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होते है। यह दिन अपने स्वतंत्रता संग्रामियों और सेनानियों को याद करने का दिन होता है। इसलिए हर जगह चाहे वह स्कूल , कॉलेज और ऑफिस ही क्यों ना हो हम सभी इस दिन को तिरंगा फहराकर और देश भक्ति से जुड़े कार्यक्रम आयोजित कर अपने स्वतंत्रता संग्रामियों और सेनानियों को याद करते हैं।

इस दिन ना सिर्फ तिंरगा फहराया जाता है बल्कि पंतग उड़ाने की भी एक खास रिवाज है जो काफी सालों से चला आ रहा है। क्या आप इस दिन पंतग उड़ाने की पीछे की कहानी के बारे में जानते हैं? नहीं तो चलिए जानते हैं...

1927  में पहली बार उड़ाई गई पतंग

आपको बता दें कि पतंग उड़ाने की शुरुआत 1947 से भी पहले 1927 में हुई थी। साल 1927 में साइमन कमीशन भारत आया थी, जिसमें एक भी सदस्य भारत का ने होने पर स्वतंत्रता सेनानियों ने साइमन गो बैक के नारों से पतंग उड़ाई थी। तभी से 15 अगस्त के दिन पतंग उड़ानी शुरू हुई। 

15 अगस्त के दिन पतंग उड़ाने से का मतलब अंग्रेजों से आजादी का प्रतीक है। तभी से इस दिन पतंग उड़ाने का चलन शुरू हुआ। इस दिन के लिए बाजारों में कई तरह-तरह की पतंग आती है। एक-दो महीने पहले से ही बाजारों में इसकी रोनक देखी जा सकती है। 

15 अगस्त के दिन इन जगहों पर उड़ाई जाती है पतंग

भारत में अलग-अलग मौकों पर भी पतंग उड़ाई जाती है और बता दें कि 15 अगस्त के दिन भी भारत के कुछ राज्यों में पतंग उड़ाई जाती है। दिल्ली, लखनऊ, मुरादाबाद और बरेली जैसे शहरों में पतंग उड़ाने का चलन है। इस दिन बाजारों में तिरंगे वाली पतंगों की डिमांड ज्यादा होती है।

15 अगस्त के दिन भारतीयों को ब्रिटिश हुकूमत से हिंदुस्तान भारत को आजादी मिली थी। आजादी मिलने के बाद यह तय किया गया कि जिस दिन पूरे देश को ब्रिटिशों से आजादी मिली उस दिन पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मनाएगा इसलिए 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाया जाता है।


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