Vishwakarma Puja 2021: विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनायी जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ था। इसीलिए इसे विश्वकर्मा जयंती भी कहते हैं। इस दिन कारखानों और फैक्ट्रियों में औजारों की पूजा की जाती है। इस दिन विधि विधान से भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यापार में में बढ़ोत्तरी और मुनाफा होता है। तो आइए जानते हैं साल 2021 में विश्वकर्मा जयंती की शुभ तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन कौन से नियमों का पालन करना चाहिए।
विश्वकर्मा पूजा तिथि और शुभ मुहूर्त 2021
- साल 2021 में विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर, दिन शुक्रवार को की जाएगी।
- 17 सितंबर को सुबह 01 बजकर 29 मिनट पर कन्या संक्रांति का क्षण होगा।
- विश्वकर्मा पूजा के समय राहुकाल का ध्यान रखना होता है, राहुकाल के समय पूजा नहीं करनी चाहिए।
- विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त 17 सितंबर सुबह 01 बजकर 29 मिनट पर ही होगा।
- कन्या संक्रांति पुण्यकाल का समय सुबह 06 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।
- कन्या संक्रांति महापुण्य काल का समय सुबह 06 बजकर 07 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
विश्वकर्मा पूजा विधि
विश्वकर्मा पूजा के दिन सबसे स्नान कर भगवान विश्वकर्मा जी का ध्यान करें और पूजा के लिए पूजास्थल पर साबुत चावल, फल-फूल, रोली, सुपारी, धूप, दीपक, रक्षा सूत्र, दही, मिठाई, औजार, बही-खाते, आभूषण और एक कलश पूजास्थल पर स्थापित करें।
अब वहां पर अष्टदल रंगोली बनाएं और रंगोली पर भगवान विश्वकर्मा जी की तस्वीर स्थापित करें अब दीपक जलाकर आरती करें। इसके बाद बाद उन्हें सभी पूजन सामग्री अर्पण करें, इसके बाद भगवान विश्वकर्मा जी के मंत्रों का जाप करें और भगवान को भोग लगाएं और अंत में कार्यस्थल पर सभी औजारों और मशीनों की पूजा कर प्रसाद वितरित करें।
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