देशभर में आज दशहरा (Dussehra) मनाया जा रहा है। आज के दिन मां दुर्गा और भगवान श्रीराम का पूजन किया जाता है। इसकी साथ मां दुर्गा की विदाई भी की जाती है। आज मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर अपने धाम कैलाश की ओर प्रस्थान करेंगी। वहीं, आज के दिन शस्त्र पूजा भी की जाएगी। मान्यता है कि यह पूजा शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए की जाती है। उसके बाद शाम को जगह-जगह बुराई के रूप में रावण के पुतले को जलाया जाएगा।
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विजयदशमी (VijayDashmi) की पूजा विधि
इस दिन सबसे पहले चौकी पर लाल रंग के कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान श्रीराम और मां दुर्गा को स्थापित करें। इसके बाद हल्दी से चावल को पीला करें और स्वास्तिक के रूप में गणेश जी का स्थापित करें। साथ ही नवग्रहों की स्थापना करें। वहीं, अपने इष्ट देव या देवी की स्थापना कर उनकी आराधना करें। उसके बाद लाल पुष्प अर्पित करें और गुड़ के बने पकवानों का भोग लगाएं। इसके बाद यथाशक्ति दान-दक्षिणा देकर गरीबों को भोजन कराएं और आखिर में धर्म ध्वजा के तौर पर विजय पताका अपने पूजा स्थान पर रखें।
शस्त्र पूजा को महत्व
मान्यता के अनुसार, इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के एक असुर का वध कर देवताओं को उसके आतंक से बचाया था। वहीं, इसी दिन भगवान श्री राम ने भी रावण का वध कर माता सीता को उसकी कैद से आजाद कराया था। यही कारण है कि इस दिन को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग शस्त्र पूजा के साथ अपने वाहनों की भी पूजा करते हैं।
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