वाराणसी ब्लास्ट केस (Varanasi Blast Case) में सेशन कोर्ट (Sessions Court) ने दोषी करार दिए गए वलीउल्लाह (waliullah) को आज फांसी की सजा सुना दी है। वली को सुनवाई के दौरान एक मामले में फांसी और दूसरे में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। बता दें कि 7 मार्च 2006 को वाराणसी के संकटमोचन मंदिर (Sankat Mochan Temple) और कैंट रेलवे स्टेशन (Cantt Railway Station) पर सीरियल ब्लास्ट (serial blast) हुए थे। इस घटना में करीब 18 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
गाजियाबाद सेशन कोर्ट ने सुनाई वली को सजा
वाराणसी में हुए सीरियल बम ब्लास्ट केस (Varanasi Bomb Blast Case) में आज गाजियाबाद जिला एवं सत्र अदालत ने सजा पर फैसला सुनाया है। इस मामले में आरोपी आतंकी वलीउल्लाह उर्फ टुंडा तो पहले ही दोषी करार दिया जा चुका है। वलीउल्लाह उर्फ टुंडा इस समय डासना जेल (Dasna Jail) में बंद है। उसके खिलाफ करीब 6 मुकदमे चल रहे हैं जिनमें से 4 में उसे दोषी माना गया है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने वली को सोमवार को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने शनिवार को वलीउल्लाह को दोषी करार दिया था। फैसले से पहले कोर्ट की सुरक्षा को पुख्ता कर दिया गया था। और कोर्ट से आवागमन के तीनों रास्तों को बंद कर दिया गया था। कोर्ट ने अपने फैसले में अपराध को जघन्य करार देते हुए कहा कि ऐसे अपराध पूरी मानवीयता के लिए संकट बनकर उभरते हैं।
5 अप्रैल 2006 को हुए धमाके
5 अप्रैल 2006 को शहर भर में सिलसिलेवार ब्लास्ट किए गए थे। यो ब्लास्ट शहर के प्रमुख संकटमोचन मंदिर और रेलवे स्टेशन पर हुए थे। उसी शाम को दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat) पर भी विस्फोटक मिले थे। पुलिस ने इस मामले में 5 अप्रैल 2006 को इलाहाबाद के फूलपुर गांव निवासी वली उल्लाह को लखनऊ के गोसाईगंज इलाके से दबोचा था।
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